• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

जानें कब शुरू हुई थी भाई दूज की प्रथा, पढ़िए यमराज और यमुना की कथा

Writer D by Writer D
15/11/2023
in धर्म, Main Slider, फैशन/शैली
0
Bhai Dooj

Bhai Dooj

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हर साल भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस खास दिन पर बहनें यमराज की पूजा करती हैं, ताकि उनका भाई जीवन में सफल हो और उसकी उम्र लंबी हो। भाई दूज मनाने के पीछे यम और यमुना से जुड़ी एक पौराणिक कहानी है। यह भी माना जाता है कि जो भी भाई इस दिन यमुना नदी में स्नान करके अपनी बहन का आतिथ्य स्वीकार करता है और अपनी बहन से तिलक करवाता है, उसे यम का भय नहीं रहता है। यदि भाई-बहन इस दिन पवित्र नदी यमुना में स्नान करते हैं, तो उन्हें लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है।

भाई दूज (Bhai Dooj) की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्यदेव की पत्नी का नाम छाया था। उनके एक पुत्र यमराज और एक पुत्री यमुना थी। यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्रेम करते थे। यमुना ने बार-बार यमराज को अपने घर आने के लिए कहा, लेकिन काम की अधिकता के कारण वह अपनी बहन से मिलने नहीं जा सके। एक दिन यमुना ने यमराज से यह वादा लिया कि वह कार्तिक मास की शुक्ल द्वितीया तिथि को उनके घर आएंगे। लेकिन यमराज को यमुना के घर जाने में थोड़ी झिझक होने लगी, क्योंकि यम लोगों के प्राणों को हरते हैं, ऐसे में उन्हें कोई अपने घर नहीं बुलाता।

लेकिन अपनी बहन से किए गए वादे के कारण वह यमुना के घर चले जाते हैं। यमुना अपने भाई यम को देखकर बहुत प्रसन्न होती हैं और उनका आतिथ्य सत्कार करती हैं। यमुना ने अपने भाई के लिए अनेक व्यंजन बनाए। अपनी बहन की सेवा भावना देखकर यमराज बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने यमुना से वरदान मांगने को कहा।

यमुना ने उनसे वादा लिया कि वह हर साल इस तिथि यानी कार्तिक माह की शुक्ल द्वितीया को उनके घर भोजन करने आएंगे। यमराज ने भी तथास्तु कहकर उन्हें अनेक उपहार दिए। माना जाता है कि इसी दिन से भाई दूज (Bhai Dooj) की परंपरा शुरू हुई।

Tags: Bhai doojBhai Dooj muhurtBhai Dooj pujaBhai Dooj2023Bhai Doojkatha
Previous Post

भाई दूज पर इन बातों का रखें ध्यान, मजबूत होगा भाई-बहन का रिश्ता

Next Post

तुलसी विवाह पर जरूर करें ये उपाय, मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी

Writer D

Writer D

Related Posts

Classical singer Pandit Chhannulal Mishra passes away
Main Slider

नहीं रहे शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित छन्नूलाल मिश्र, PM मोदी के रह चुके हैं प्रस्तावक

02/10/2025
garlic chicken
खाना-खजाना

नॉनवेज लवर स्नैक्स में बनाएं स्वादिष्ट लहसुनी चिकन

02/10/2025
Pyaj Kadhi
खाना-खजाना

लंच में बनाएं प्याज की कढ़ी, खाने का बढ़ जाएगा जायका

02/10/2025
Partner
फैशन/शैली

ये संकेत बताते है कि आपका पार्टनर शादी को लेकर है सीरियस

02/10/2025
फैशन/शैली

इन जानवरों की तरह खतरनाक होती है ऐसे व्यक्ति से दोस्ती

02/10/2025
Next Post
tulsi vivah

तुलसी विवाह पर जरूर करें ये उपाय, मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी

यह भी पढ़ें

Amitabh Bachchan

ऐश्वर्या राय को देखकर चमक उठी थीं अमिताभ बच्चन की आंखें

11/10/2020
JP Nadda

पीएम के विजन को शत प्रतिशत धरातल पर उतार रहे सीएम योगी : जेपी नड्डा

01/01/2024
akhilesh yadav

भाजपा को झूठ और फरेब की राजनीति ही आती : अखिलेश

21/10/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version