हिंदू धर्म में पूजा व त्योहारों के दौरान महिलाएं आलता (Alta) लगाती हैं। इसका अपना विशेष महत्व है। इसको शादी समारोह में लगाया जाता है। आलता को सोलह श्रृंगारों में जगह दी गई है। कुछ महिलाएं आलता को सामान्य दिनों में लगा लेती हैं। हिंदू धर्म में हर दिन का अपना विशेष महत्व है, इसलिए कुछ दिन आलता को नहीं लगाना चाहिए। इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी ने विस्तार इस बारे बताया है।
इस दिन न लगाएं पैरों में आलता (Alta)
अपने पैरों में आलता (Alta) लगाने से पहले दिन का विशेष ध्यान रखें। कई बार हम जानकारी के अभाव में गलत दिन आलता लगा लेते हैं। यह आपके लिए नकारात्मक परिणाम लेकर आ सकता है। मंगलवार के दिन आलता नहीं लगाना चाहिए। आपके ऐसा न करने से मां लक्ष्मी आपसे नाराज हो सकती हैं। इस दिन आलता लगाना बहुत ही अशुभ माना जाता है।
सोलह श्रृंगार में बेहद खास आलता (Alta)
आलता को सोलह श्रृंगाल में जगह दी गई है, इसलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। सुहागिन महिलाएं आलता लगाती है, तो यह उनके लिए यह सौभाग्य का प्रतीक होता है। इसका बिना महिलाओं का श्रृंगार ही पूरा नहीं होता है।
दक्षिण दिशा की ओर मुख कर न लगाएं आलता (Alta)
आलता लगाते समय महिलाएं विशेष ध्यान रखें कि आपका मुंह सही दिशा में ही होना चाहिए। आप दक्षिण दिशा की मुंह कर आलता न लगाएं, क्यों कि यह बहुत ही अशुभ माना जाता है।
आलता (Alta) लगाने का महत्व
आलता (Alta) को माना जाता है कि यह मां लक्ष्मी का प्रतीक है। इसको लगाने भर से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह आपके वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों को दूर करता है।