वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत को रखने से परिवार के लोगों को सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है और वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है। बहुत से लोग ये भी मानते हैं कि इस व्रत का महत्व करवा चौथ के व्रत जितना होता है। इस दिन सुहागिनें वट वृक्ष की पूजा करती है। पूजा के दौरान बरगद के पेड़ के नीचे कथा सुनती हैं।वट सावित्री (Vat Savitri) पूजा और व्रत हिंदू चंद्र कैलेंडर के ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत की डेट, पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त, सामग्री लिस्ट, नियम और मुहूर्त-
वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत- 6 जून, 2024।
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – जून 05, 2024 को 07:54 पी एम बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – जून 06, 2024 को 06:07 पी एम बजे
व्रत नियम व विधि-
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करके लाल रंग की साड़ी पहनें।
2. बरगद के पेड़ के नीचे पूजा स्थल की सफाई करें। अशुद्धियों को दूर करने के लिए गंगाजल छिड़कें।
3. अब सप्तधान्य को बांस की टोकरी में भरकर उसमें भगवान ब्रह्मा की मूर्ति रखें। दूसरी टोकरी में सप्तधन्य भरकर सावित्री और सत्यवान की मूर्तियां रख दें। दूसरी टोकरी को पहली टोकरी के बाईं ओर रखें।
4. दोनों टोकरियों को बरगद के पेड़ के नीचे रखें। पेड़ पर चावल के आटे की छाप या पीठा लगाएं।
5. पूजा के दौरान पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं और उसके चारों ओर 7 बार पवित्र धागा बांधें। अब वट वृक्ष की परिक्रमा करें।
6. इसके बाद पेड़ के पत्ते लेकर उनकी माला बनाकर धारण करें, फिर वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत की कथा सुनें।
7. फिर चने का पकवान बनाकर सास का आशीर्वाद लेने के लिए कुछ पैसे दिए जाते हैं।
8. किसी ब्राह्मण को कुछ फल, अनाज, वस्त्र आदि का दान करें।
9. व्रत तोड़ने के लिए 11 भीगे हुए चने खाएं।
वट सावित्रि (Vat Savitri) पूजा सामग्री की लिस्ट
– सावित्री-सत्यवान की मूर्तियां
– बांस का पंखा
– लाल कलावा
– धूप
– दीप
– घी
– फल
– पुष्प
– रोली
– सुहाग का सामान
– पूडियां
– बरगद का फल
– जल से भरा कलश