ज्योतिष में पन्ना (Panna) को बुध का रत्न माना गया है। यह घास के समान हरे रंग का रत्न होता है। कुंडली में बुध की स्थिति को मजबूत करने के लिए यह रत्न पहनना लाभकारी माना गया है। हरिश्चन्द्र विद्यालंकार द्वारा लिखी गई पुस्तक रत्न परिचय के अनुसार, इस रत्न को उन लोगों को पहनना चाहिए, जिनका जन्म बुधग्रह के प्रभावशाली होने की अवधि में हुआ हो।
15 जून से 14 जून तक या 15 सितंबर से 14 अक्टूबर के बीच जन्मे व्यक्ति पन्ना धारण कर सकते हैं। मूलांक 5 यानी किसी भी माह के 5,14 और 23 तारीख को जन्मे लोगों के लिए यह रत्न शुभ फलदायी माना जाता है। जिन लोगों को मन तुरंत घबरा जाता है या छोटी -छोटी बातों पर मन परेशान होने लगता है, उनके लिए यह रत्न फायदेमंद साबित हो सकता है। हालांकि, अच्छे रिजल्ट्स के लिए ज्योतिषीय सलाह लेकर ही यह रत्न धारण करें। आइए जानते हैं पन्ना धारण करने की विधि….
पन्ना (Panna) कैसे धारण करें?
– रत्न ज्योतिष के अनुसार, पन्ना (Panna) को सोने की अंगूठी में पहनना चाहिए।
– इस रत्न को हमेशा मध्यमा उंगली में धारण करें।
– 5,14 और 23 तारीख को जन्मे लोग सूर्योदय के 2 घंटे बाद यह रत्न पहन सकते हैं।
– बुधवार के दिन पन्ना रत्न पहनना अति शुभ फलदायी माना गया है।
– पन्ना का उपरत्न एक्वामरीन होता है, जो लोग पन्ना नहीं धारण कर सकते हैं। वह एक्वामरीन पहन सकते हैं।
पन्ना (Panna) पहनने के फायदे :
– मान्यता है कि पन्ना (Panna) पहनने से बुद्धि और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
– कहा जाता है कि पन्ना पहनने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
– धन, सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए पन्ना रत्न पहनना शुभ होता है।
– यह भी माना जाता है कि पन्ना (Panna) पहनने से रिश्ता मजबूत होता है।
– नौकरी-व्यापार में तरक्की के लिए यह रत्न अच्छा माना जाता है।