छठ पूजा में ‘स्वर कोकिला’ शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) के गीत न बजे तो कुछ अधूरा-सा लगता है। बिहार सहित देश के अन्य हिस्सों में धीरे-धीरे छठ पूजा का रंग चढ़ने लगा है। अब शारदा सिन्हा के छठ गीत सुनाई देने लगे हैं। इन सबके बीच छह साल से ब्लड कैंसर से जूझ रहीं बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक उनकी हालत स्थिर है और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। हालांकि, अभी वेंटिलेटर की नौबत नहीं आई है।
पद्म भूषण शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) पिछले छह वर्षों से मल्टीपल मायलोमा नाम के ब्लड कैंसर से पीड़ित हैं। शुक्रवार को उनकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में दिल्ली एम्स के कैंसर सेंटर में भर्ती कराया गया। एम्स प्रशासन ने बताया है कि शारदा को मेडिकल आंकोलॉजी वार्ड में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है, लेकिन उनकी हालत स्थिर है और फिलहाल उन्हें वेंटिलेटर पर नहीं रखा गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी सेहत पर नजर रख रही है।
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से शारदा जी को खाने-पीने में तकलीफ हो रही थी, जिसका इलाज चल रहा था, लेकिन 26 अक्टूबर की सुबह उनकी तबीयत अचानक बहुत ज्यादा खराब हो गई। फिलहाल वो एम्स के अंकोलॉजी मेडिकल डिपार्टमेंट में भर्ती हैं। कुछ समय पहले ही शारदा जी के पति ब्रज किशोर का 80 वर्ष की आयु में ब्रेन हैमरेज से निधन हुआ था। इसी साल शारदा और ब्रज किशोर ने अपनी शादी की 54वीं सालगिरह मनाई थी। शारदा सिन्हा 72 साल की हैं।
‘स्वर कोकिला’ शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) के बारे में जानें
बिहार की शारदा सिन्हा ने 1980 में अपने गायकी के सफर की शुरुआत की। शारदा सिन्हा को लोग उनके मैथिली और भोजपुरी गानों के लिए खास तौर पर जानते हैं। खासकर छठ के मौके पर उनके गाये गीतों को बिहार समेत पूरे देश में बहुत पसंद किया जाता है। अब तक वो 62 से भी ज्यादा छठ के गीतों को अपनी आवाज दे चुकी हैं। संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए 1991 में उन्हें पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।