प्रसिद्ध आस्ट्रेलियाई निर्देशक फिलिप नॉयस (Phillip Noyce) को 55वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के भव्य समापन समारोह में सिनेमा में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित ‘सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। फिलिप नॉयस ने 1978 में मुंबई में सिनेमा देखने के अपने पहले अनुभव को याद करते हुए भारतीय दर्शकों की हदय से सराहना की।
फिलिप नॉयस (Phillip Noyce) ने उत्साह के साथ बताया कि यह अद्भूत अनुभव था। ऐसा लगा जैसे मैं पहली बार फ़िल्म देख रहा हूं। भारतीय दर्शक दूसरे सभी से अलग हैं- वे फ़िल्म की भावना में पूरी तरह इस तरह से डूब जाते हैं जैसे कि वे इसका हिस्सा हों। भारतीय दर्शकों जैसा कोई दूसरा नहीं है। उन्होंने ने भारतीय सिनेमा के व्यापक प्रभाव को स्वीकार करते हुए कहा कि भारत हर वर्ष फीचर फ़िल्मों का दुनिया का सबसे बड़ा निर्माता है।
महान फिल्म निर्माता सत्यजीत रे को याद करते हुए, नॉयस ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में पले-बढ़े हम सभी सत्यजीत रे के काम से प्रेरित थे। मैंने अपने काम में उनके दृष्टिकोण को खासकर कास्टिंग करते समय अपनाया है। सत्यजीत रे की तरह, जब मुझे अपनी फिल्मों के लिए स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई अभिनेता नहीं मिल रहे थे, तो मैंने जमीनी लोगों को कास्ट करने की कोशिश की।
उन्होंने सत्यजीत रे के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सिनेमा की दुनिया में, हम फिल्म निर्माता सत्यजीत रे के ऋणी हैं जो किसी भी पुरस्कार से कहीं ज़्यादा है। उनका प्रभाव हमें मार्गदर्शन और प्रेरणा देता रहता है। सिनेमा के भविष्य पर पर चर्चा करते हुए, नॉयस ने फिल्म निर्माण की विकसित होती स्थिति पर अपने विचार साझा किए।
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उन्होंने कहा कि हमें एक बार फिर सत्यजीत रे के सिनेमाई दर्शन गागर में सागर भरने की ओर मुड़ना चाहिए। जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती है, वैसे-वैसे हमें भी विकसित होना चाहिए। फ़िल्मों भले ही छोटी हो पर विचारों को बड़ा होने दें। मेरा मानना है कि यही सिनेमा का भविष्य है।
नॉयस ने इस अवसर पर आईएफएफआई महोत्सव (IFFI Festival) के निदेशक शेखर कपूर की वैश्विक सिनेमा में उनके अटूट योगदान के लिए प्रशंसा की तथा उन्हें दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं के लिए प्रेरणा बताया। प्रतिष्ठित सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सिनेमाई परिदृश्य को समृद्ध बनाने की दिशा में अद्वितीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है।