रत्न शास्त्र में मोती (Pearl) का संबंध चंद्रमा ग्रह से माना गया है। कुंडली के अनुसार, रत्न धारण करने से ग्रहों को मजबूत करने में मदद मिलती है। कोई भी रत्न पहनने से पहले कुंडली में ग्रहों की स्थिति देखनी चाहिए। वहीं, रत्न को धारण करने के भी नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। मोती को सही विधि और सही तरीके से धारण करने पर चंद्र ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। मोती को धारण करने से मन की शांति मिलती है व गुस्से को कंट्रोल में रखा जा सकता है। त्वचा संबंधी समस्या में भी ये रत्न धारण करने से लाभ मिलता है। आइए जानते हैं मोती कब, किसे व कैसे धारण करना चाहिए-
मोती (Pearl) कब करें धारण?
चंद्रमा से संबंधित होने के कारण मोती को सोमवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। वहीं, इसे धारण करने से पहले शुद्धि करना जरूरी माना जाता है।
मोती (Pearl) कैसे करें धारण?
मोती के रत्न को चांदी के धातु में जड़वा कर धारण किया जा सकता है। सोमवार के दिन गंगाजल, दूध और शहद से पहले मोती की शुद्धि करें। फिर इसे शिव जी के चरणों में अर्पित कर दें। विधिवत पूजा-अर्चना करें। कुछ देर के बाद इस रत्न को कनिष्ठिका उंगली में धारण कर लें।
मोती (Pearl) किसे पहनना चाहिए?
ज्योतिष विद्या की मानें तो मेष, कर्क, मीन और वृश्चिक राशि के लोग मोती धारण कर सकते हैं। कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होने पर मोती धारण किया जा सकता है। वहीं, मोती धारण करने से पहले आपको अपने ग्रहों की स्थिति जरूर देखनी चाहिए और एस्ट्रोलॉजर की सलाह लेना भी बेहतर रहेगा।