• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

पुत्रदा एकादशी: संतान की दिक्कतें दूर करने के लिए पढ़ें ये कथा

Writer D by Writer D
10/01/2025
in धर्म, फैशन/शैली
0
Apara Ekadashi

Apara Ekadashi

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) साल में दो बार आती है। एक बार सावन में और एक बार पौष मास की पुत्रदा एकादशी के तौर पर। इस साल 17 जनवरी की पौष पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) है। इस दिन व्रत रखने से संतान संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं। यहां पढ़ें इस व्रत की कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय भद्रावती नदी के तट पर राजा संकेतमान नाम का राजा राज्य करता था। उसकी पत्नी का नाम शैव्या था। राजा के पास किसी चीज की कमी नहीं थी। राज्य मे धन-धान्य संपन्न और प्रजा सुखी थी। बस राजा को एक बात का दुख था कि उसके कोई संतान नहीं थी। इस वजह से राजा परेशान रहता था। राजा अपनी प्रजा का भी पूर्ण ध्यान रखता था।

संतान न होने के कारण राजा को निराशा घेरने लगी। वह आत्मघात के बारे में सोच रहा था। उसने पुत्र की कामना के लिए यज्ञ किया, लेकिन देवताओं का आशीर्वाद भी नहीं मिला। अंत में राजा वन में चला गया। वन में वो घूमते हुए एक सरोवर के पास पहुंचा। सरोवर में सभी मेढ़क आदि अपने पुत्रों के साथ खेल रहे थे, राजा को इस बात से निराशा हुई। तभी रास्त में एक मुनि का आश्रम पड़ा।

राजा ने घोड़ा रोककर मुनि को प्रणाम किया। मुनि को प्रणाम कर राजा ने उन्हें अपनी परेशानी बताई। मुनि ने उन्हें पुत्र की कामना के लिए किए जाने वाले व्रत पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि राजा इस व्रत को करें और रात्रि जागरण करें, तो निश्चय ही उनके संतान होगी। इसके बाद राजा को एकादशी व्रत के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है।

राजा ने विधि पूर्वक एकादशी (Putrada Ekadashi) का व्रत पूर्ण किया और नियम से व्रत का पारण किया। इसके बाद रानी ने कुछ दिनों गर्भ धारण किया और नौ माह के बाद एक सुंदर से पुत्र को जन्म दिया। आगे चलकर राजा का पुत्र श्रेष्ठ राजा बना।

Tags: putrada ekadashiPutrada Ekadashi Vrat
Previous Post

सकट चौथ पर करें ये चमत्कारी उपाय, तरक्की में आ रही बाधाएं हो जाएंगी समाप्त

Next Post

मकर संक्रांति पर बन रहे हैं कई दुर्लभ संयोग, इन राशि वालों की होगी बल्ले-बल्ले

Writer D

Writer D

Related Posts

Vaishno Devi
Main Slider

IMD के अलर्ट के बाद वैष्णो देवी यात्रा स्थगित, इस दिन से शुरू होंगे दर्शन

05/10/2025
Aloe Vera
Main Slider

इस प्लांट से मिलेगी निखरी त्वचा, ऐसे करें इस्तेमाल

05/10/2025
खाना-खजाना

नए स्टाइल से बनाएं सब्जी, स्वाद ऐसा की पेट भर जाएगा मन नहीं

05/10/2025
Pasta
खाना-खजाना

पास्ता के बचे हुए पानी को इन तरीकों से करें इस्तेमाल

05/10/2025
Makhana Halwa
खाना-खजाना

स्वीट लवर्स के लिए है शानदार उपहार, हो जाता है फटाफट तैयार

05/10/2025
Next Post
Makar Sankranti

मकर संक्रांति पर बन रहे हैं कई दुर्लभ संयोग, इन राशि वालों की होगी बल्ले-बल्ले

यह भी पढ़ें

Rajeev Shukla-Rojer Binni

BCCI में राजीव शुक्ला की एंट्री, इस वजह से हटाए गए रोजर बिन्नी

29/08/2025
Conversion

अमेरिकी कम्पनी पेपाल से हो रहा था धर्म परिवर्तन के लिए फंड का ट्रांजेक्शन

07/07/2021
nursery admission

 दिल्ली सरकार ने तैयार की अधिक फीस वसूल रहे 72 से अधिक निजी स्कूलों की

16/09/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version