मान्यताओं के अनुसार, रंग पंचमी (Rang Panchami) के दिन देवी-देवता पृथ्वी पर आकर रंगों का उत्सव मनाते हैं। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा का महत्व है। उन्हें गुलाल और अबीर अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। रंग पंचमी का उत्सव भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन कौन से देवी- देवता को कौन सा रंग चढ़ाना चाहिए।
कब है रंग पंचमी (Rang Panchami) ?
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 18 मार्च को रात 10 बजकर 9 मिनट पर हो रही है। वहीं इस पंचमी तिथि का समापन 20 मार्च को रात को 12 बजकर 36 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि मानी जाती है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रंग पचमी (Rang Panchami) का त्योहार इस साल 19 मार्च मनाया जाएगा।
भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी
रंग: गुलाबी और पीला
महत्व: यह रंग प्रेम, आनंद और सकारात्मकता का प्रतीक है।
माता लक्ष्मी
रंग: लाल और गुलाबी
महत्व: लाल रंग समृद्धि, शक्ति और ऐश्वर्य का प्रतीक है, जिससे माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
भगवान विष्णु
रंग: पीला
महत्व: पीला रंग धर्म, ज्ञान और शुभता का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है।
भगवान शिव
रंग: सफेद और भस्म (राख)
महत्व: सफेद रंग शांति और भक्ति का प्रतीक है, जो भगवान शिव को प्रिय है।
हनुमान जी
रंग: सिंदूरी (भगवा)
महत्व: यह रंग शक्ति, भक्ति और साहस का प्रतीक है, जिससे भक्तों को बल और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।
माता दुर्गा
रंग: लाल और केसरी
महत्व: ये रंग शक्ति, ऊर्जा और विजय का प्रतीक हैं, जो माता दुर्गा को अर्पित किए जाते हैं।
भगवान गणेश
रंग: हरा
महत्व: हरा रंग बुद्धि, समृद्धि और शुभता का प्रतीक है, जो भगवान गणेश को प्रसन्न करता है।
रंग पंचमी के दिन इन रंगों को देवी-देवताओं को चढ़ाने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
रंग पंचमी (Rang Panchami) का महत्व
रंग पंचमी (Rang Panchami) होली के पांचवें दिन मनाई जाती है, और इसे रंगों का दिव्य उत्सव माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवता अदृश्य रूप में पृथ्वी पर आकर रंगों से खेलते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। इसे बुरी शक्तियों के नाश और सकारात्मक ऊर्जा के संचार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ-साथ लक्ष्मी-नारायण, शिव-पार्वती, और हनुमान जी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अपने इष्ट देव और देवी देवताओं को रंग गुलाल लगाने से आपके जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।