• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

उपदेश देने वाले नहीं चाहिए… आर्कटिक सर्कल इंडिया फोरम में जयशंकर की दो टूक

Writer D by Writer D
04/05/2025
in Main Slider, नई दिल्ली, राजनीति, राष्ट्रीय
0
jaishankar

Jaishankar

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (Jaishankar) ने शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित आर्कटिक सर्कल इंडिया फोरम के दौरान भारत की विदेश नीति पर तीखा और स्पष्ट रुख अपनाते हुए कहा कि भारत को उपदेशकों की नहीं, भागीदारों की तलाश है। यह टिप्पणी उन्होंने आइसलैंड के पूर्व राष्ट्रपति ओलाफुर राग्नार ग्रिम्सन और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष समीर सरन के साथ बातचीत के दौरान दी।

विदेश मंत्री जयशंकर (Jaishankar) ने कहा कि जब दुनिया की ओर देखते हैं, तो उपदेश देने वालों की तलाश नहीं करते हैं। खासकर ऐसे उपदेशकों की जो विदेश में जो उपदेश देते हैं, उसे अपने घर में लागू नहीं करते हैं।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि यूरोप के कुछ हिस्सों में अब भी यह “दोहरे मापदंड” की मानसिकता मौजूद है, हालांकि कुछ बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं।

साझेदारी पर जयशंकर (Jaishankar) का बड़ा बयान

जयशंकर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वैश्विक मंच पर रूस-यूक्रेन युद्ध, ईंधन आपूर्ति संकट, और पाकिस्तान से जुड़े सीमा पार आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भारत के निर्णायक और आत्मनिर्भर रुख ने अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं में खास स्थान बना लिया है।

उन्होंने वैश्विक साझेदारी पर कहा कि अगर हमें साझेदारी बनना है तो कुछ संवेदनशीलता, हितों की पारस्परिकता समझ और पूरी दुनिया कैसे काम करती है। इसका सभी को अहसास होनी चाहिए। यूरोप इन मोर्चों पर अब वास्तविकता की जांच से गुजर रहा है।

राहुल गांधी की मंदिरों में ‘No Entry’, जानें पूरा मामला

यह पहली बार नहीं है जब डॉ जयशंकर ने पश्चिमी आलोचना का सीधे उत्तर दिया हो। 2022 में रूसी तेल आयात को लेकर भारत की आलोचना के जवाब में भी उन्होंने भारत के ऊर्जा सुरक्षा को सर्वोपरि बताया था। उन्होंने कहा था, “यूरोप को अपनी ऊर्जा जरूरतों के अनुसार निर्णय लेने का अधिकार है, फिर भारत से कुछ और अपेक्षा करना यह टिकाऊ सोच नहीं है।”

जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हवाले से कहा, “प्रधानमंत्री ने कहा था कि ऐसा रुख अपनाएं जिससे भारत को फायदा हो। हमने वही किया।” उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत बाहरी दबाव में आकर अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा।

Tags: jaishankarNational news
Previous Post

गंगा सप्तमी के दिन पढ़ें ये व्रत कथा, सभी पापों से मिलेगा छुटकारा

Next Post

सीता नवमी पर करें ये खास उपाय, लव मैरिज करने की इच्छा होगी पूरी

Writer D

Writer D

Related Posts

Corn Paratha
खाना-खजाना

ब्रेकफास्ट में शामिल करें कॉर्न पराठा, स्वाद के साथ मिलेगी सेहत

02/11/2025
kaju sabji
Main Slider

मेहमानों को सर्व करें काजू की सब्जी, सभी करेंगे आपकी तारीफ

02/11/2025
noodle cutlets
खाना-खजाना

स्नैक्स में बनाएं नूडल कटलेट, बढ़ जाएगा शाम की चाय का स्वाद

02/11/2025
Besan Gatte
Main Slider

आज बनाएं ये स्पेशल राजस्थानी सब्जी, देखें रेसिपी

02/11/2025
Agarbatti
Main Slider

इस दिन न जलाएं अगरबत्ती, वरना खो जाएगा धन-वैभव

02/11/2025
Next Post
Sita Navami

सीता नवमी पर करें ये खास उपाय, लव मैरिज करने की इच्छा होगी पूरी

यह भी पढ़ें

sriman shriati

भोजपुरी क्वीन रानी चटर्जी के बर्थडे पर रिलीज किया ‘श्रीमान श्रीमती’ का दूसरा पोस्टर

03/11/2020
Farmer Protest

सिंधु बार्डर पर किसानों और स्थानीय लोगों के बीच पत्थरबाजी, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

29/01/2021
International Youth Day

अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस पर नगर विकास विभाग ने कराए विभिन्न आयोजन

12/08/2023
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version