नई दिल्ली: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Draupadi Murmu) ने नई दिल्ली (New Delhi) के विज्ञान भवन में स्वामी रामभद्राचार्य (Swami Ramabhadracharya) को ‘ज्ञानपीठ’ पुरस्कार प्रदान किया। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज को संस्कृत भाषा व साहित्य के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए ज्ञान पीठ पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया है।
जिस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने स्वामी रामभद्राचार्य (Swami Rambhadracharya) की कालजई रचना संसार के वैश्विक साहित्य जगत के अमूल्य धरोहर के रूप में तथा संत परंपरा भारत की साहित्य विरासत एवं राष्ट्र धर्म का सम्मान है।
आज माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा पूज्य संत, पद्मविभूषित जगद्गुरु तुलसीपीठाधीश्वर रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज को संस्कृत भाषा व साहित्य के क्षेत्र में उनके अतुल्य योगदान के लिए प्रतिष्ठित ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार-2023’ से सम्मानित होने पर… pic.twitter.com/bVlmjOBedH
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 16, 2025
इस मौके पर सीएम योगी ने एक्स पर ट्वीट करके लिखा कि, आज माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा पूज्य संत, पद्मविभूषित जगद्गुरु तुलसीपीठाधीश्वर रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज को संस्कृत भाषा व साहित्य के क्षेत्र में उनके अतुल्य योगदान के लिए प्रतिष्ठित ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार-2023’ से सम्मानित होने पर हृदयतल से बधाई! आपका कालजयी रचना संसार वैश्विक साहित्य जगत के लिए अमूल्य धरोहर है। आपका सम्मान संत परंपरा, भारत की साहित्यिक विरासत एवं राष्ट्रधर्म का सम्मान है।
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इसके अलावा देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एक्स पर ट्वीट करके लिखी कि, श्री रामभद्राचार्य जी ने श्रेष्ठता के प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। आप अनेक प्रतिभाओं से सम्पन्न हैं तथा आपके योगदान बहुआयामी हैं। आपने शारीरिक दृष्टि से बाधित होने के बावजूद अपनी अंतर्दृष्टि, बल्कि दिव्यदृष्टि से साहित्य और समाज की असाधारण सेवा की है।