हर साल आषाढ़ माह में जगन्नाथ पुरी (Jagannath Rath Yatra) में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है, जो कि इस बार 27 जून से शुरू होगी। इस रथ यात्रा को बहुत पुण्यदायी माना गया है। इस रथ यात्रा में लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने या छूने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) में भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर यानी गुंडिचा मंदिर जाते हैं। अगर आप भी जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं तो वहां से दो चीजें घर लाना शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इन चीजों को घर लाने से मां लक्ष्मी और माता अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है।
मंदिर की बेंत (छड़ी)
जगन्नाथ पुरी से मंदिर की बेंत यानी छड़ी लाने की परंपरा काफी पुरानी है। यह बेंत पूजा के दौरान भक्तों को स्पर्श कराया जाता है, जिससे उन्हें बल, बुद्धि और यश की प्राप्ति हो।धार्मिक मान्यता है कि जगन्नाथ पुरी की इस बेंत को रखने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और दरिद्रता दूर होती है। इस बेंत को घर के मंदिर में रखना शुभ माना जाता है।
निर्माल्य (सूखा चावल)
निर्माल्य एक विशेष खास तरह का सूखा चावल होता है, जिसे मंदिर में पकाकर सुखाया जाता है और फिर भगवान को भोग लगाने के बाद लाल रंग की पोटली में बांधकर भक्तों में बांटा जाता है। निर्माल्य को घर में किसी साफ जगह पर रखें और शुभ कार्यों में इसका एक दाना इस्तेमाल करें। धार्मिक मान्यता है कि जिस घर में निर्माल्य होता है, वहां अन्न की कभी कमी नहीं होती और घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है।
अगर आप इस साल रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) में शामिल होने वाले हैं, तो जगन्नाथ मंदिर से दो खास चीजें जरूर लेकर आएं। धार्मिक मान्यता है कि इन चीजों को घर में रखने से मां लक्ष्मी और अन्नपूर्णा देवी की कृपा बनी रहती है, जिससे घर में अन्न-धन की कभी कमी नहीं रहती है।