लखनऊ/इटावा। दांदरपुर कथावाचक प्रकरण को लेकर मचा सियासी बवाल अब समाजवादी पार्टी के अंदर भी दरारें पैदा करने लगा है। पार्टी के ही वरिष्ठ नेता और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मनीष यादव (Manish Yadav) ने समाजवादी पार्टी की नीतियों, नेतृत्व और जातिगत प्राथमिकताओं को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है।
मनीष यादव (Manish Yadav) ने मीडिया से बातचीत में कहा कि समाजवादी पार्टी अब सिर्फ एक वर्ग-विशेष की राजनीति में उलझकर रह गई है। उन्होंने सीधे तौर पर अखिलेश यादव को निशाने पर लेते हुए कहा कि सिर्फ यादव समाज को खुश करने की राजनीति करके ब्राह्मण समाज को नाराज करना उचित नहीं है। नेताजी मुलायम सिंह यादव ने कभी ऐसा भेदभाव नहीं किया, वो सही मायनों में सर्व समाज के नेता थे।
मनीष यादव (Manish Yadav) ने साधा निशाना
मनीष यादव (Manish Yadav) ने कथावाचकों से जुड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि लखनऊ में पीड़ित कथावाचकों को मंच पर बुलाकर उनसे तबला बजवाना और गीत गवाना बेहद असंवेदनशील हरकत थी। ऐसा लग रहा था जैसे पीड़ितों की पीड़ा को तमाशा बना दिया गया हो। ये समाजवाद का स्वरूप नहीं, बल्कि भावनाओं का अपमान है।
“पार्टी ने पल्ला झाड़ लिया”
मनीष यादव (Manish Yadav) ने पार्टी नेतृत्व की ओर से आंदोलन से किनारा करने पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब सोशल मीडिया पर आंदोलन की घोषणा की जा रही थी, तब पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए था कि समाजवादी पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है। लेकिन जब कार्यकर्ता गिरफ्तार होने लगे, तब पार्टी ने पल्ला झाड़ लिया। गगन यादव जैसे सपा के पुराने कार्यकर्ता आज अकेले खड़े हैं, जबकि उन्होंने पार्टी के लिए कई बार मैदान में मेहनत की है।
पीडीए जैसे नारों पर कसा तंज
उन्होंने (Manish Yadav) पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बताते हुए कहा कि आज पार्टी में सिर्फ एक ही व्यक्ति (अखिलेश यादव) की चल रही है, जबकि राजनीति सर्व समाज को साथ लेकर चलने से ही सफल होती है। पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) जैसे नारों पर भी तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे नारे सिर्फ शब्दों का खेल हैं, जिनका कोई स्थायी अर्थ नहीं होता। अखिलेश यादव को चाहिए कि वो जातियों की राजनीति से ऊपर उठकर सभी वर्गों को साथ लें।
इसी के साथ आजम खां के मामले में भी उन्होंने पार्टी की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आजम खां पर झूठे मुकदमे लगाए गए, जेल भेजा गया, लेकिन पार्टी ने उतनी मजबूती से उनका पक्ष नहीं रखा, जितना नेताजी के समय में रखा जाता था। उनकी पत्नी का यह कहना है कि पार्टी ने साथ नहीं दिया, बिल्कुल सही है।
मनीष यादव वर्तमान में समाजवादी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी में प्रदेश सदस्य हैं और जसवंतनगर विधानसभा के प्रभारी भी हैं। बीते लोकसभा चुनाव में उन्हें एटा लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया था, जहां से पार्टी उम्मीदवार देवेश शाक्य ने जीत दर्ज की। पार्टी के अंदर से उठी यह आवाज आने वाले समय में सपा के लिए बड़ा राजनीतिक संकेत मानी जा रही है।