जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में हो रही लगातार भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) एक बार फिर बाधित हो गई है। मंगलवार शाम 16 जुलाई को लगभग 7:15 बजे रायलपथरी और ब्रारीमर्ग के बीच स्थित जेड मोड़ इलाके में भारी भूस्खलन हुआ, जिससे यात्रा मार्ग अवरुद्ध हो गया और सैकड़ों तीर्थयात्री रास्ते में फंस गए।
इस संकट के बीच भारतीय सेना ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए राहत कार्य शुरू किए। ब्रारीमर्ग में तैनात सेना की टुकड़ियों ने तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए फंसे हुए लगभग 500 यात्रियों को सुरक्षित तंबुओं में आश्रय दिलाया और उन्हें चाय, पीने का पानी और आवश्यक प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध कराईं।
इसके अलावा, ब्रारीमर्ग और जेड मोड़ के बीच स्थापित लंगरों में करीब 3000 तीर्थयात्रियों को भोजन और सुरक्षित स्थान प्रदान किया गया। सेना द्वारा किए गए ये मानवीय प्रयास तीर्थयात्रियों के बीच काफी सराहे जा रहे हैं।
इस दौरान एक विशेष चुनौतीपूर्ण स्थिति तब सामने आई जब रायलपथरी में दो भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों के बीच एक बीमार यात्री फंस गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना की त्वरित प्रतिक्रिया टीम (QRT) ने जोखिम उठाते हुए मानव स्ट्रेचर के माध्यम से उस यात्री को सुरक्षित बाहर निकाला और रायलपथरी के बेस तक पहुंचाया,, जहां से उसे आगे चिकित्सा सहायता के लिए एम्बुलेंस द्वारा रवाना किया गया,
ब्रारीमर्ग शिविर निदेशक और सेना के कंपनी कमांडर स्वयं मौके पर मौजूद रहकर हालात की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी है कि स्थिति अब नियंत्रण में है और सभी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा व स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए सेना पूर्ण रूप से सतर्क है।
बारिश के बीच सेना की मदद जारी
सेना के अनुसार, फिलहाल रायलपथरी और ब्रारीमर्ग क्षेत्रों में हल्की बारिश जारी है और मौसम की स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है। क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित किया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) 2025 के दौरान सेना की यह त्वरित, कुशल और मानवीय प्रतिक्रिया एक बार फिर उसकी व्यावसायिकता और सेवा-भावना का प्रमाण है। हर वर्ष की तरह इस बार भी सेना हर चुनौती में यात्रियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी नजर आई है।