सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है जितिया व्रत (Jitiya Vrat) । बिहार में छठ पूजा के बाद सबसे खास त्योहार होता है, जो तीन दिनों तक चलता है। इस व्रत को शुरू करने से पहले नोनी का साग खाने की परंपरा भी है। जो महिलाएं यह व्रत करने जा रही हैं, उनके लिए जरूरी है कि इसके नियम उन्हें पता हों। अगर आप जितिया व्रत में कुछ गलतियां करती हैं, तो आपको पूर्ण फल नहीं प्राप्त होगा। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि जीवित्पुत्रिका व्रत (Jitiya Vrat) में क्या नहीं करना चाहिए और कौन सी गलतियों से बचना चाहिए।
जितिया व्रत (Jitiya Vrat) में क्या नहीं करना चाहिए?
निर्जला उपवास:- जितिया व्रत (Jitiya Vrat) में निर्जला उपवास करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्रती को जितिया व्रत पूरा होने तक जल या अन्न किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। जितिया व्रत में कुछ भी खाने-पीने से व्रत टूट जाता है और फल भी नहीं मिलता है।
धागा पहनने का नियम:- जीवित्पुत्रिका व्रत (Jitiya Vrat) में महिलाएं अपनी संतान की सुरक्षा के लिए जिउतिया धागा पहनती हैं। इस धागे को शुभ मुहूर्त और सही विधान के साथ ही पहनना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि गलती से गंदे, पुराने या टूटे हुए धागे का इस्तेमाल करना अशुभ होता है।
गुस्सा न करें:- जितिया व्रत (Jitiya Vrat) के दौरान व्रती महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि परिवार में किसी पर गुस्सा न करें और न ही अपने बच्चों पर गुस्सा करें। व्रत के दौरान क्रोध करने या अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
तामसिक भोजन न बनाएं:- अगर घर में कोई जितिया व्रत (Jitiya Vrat) नहीं भी रख रहा है, तो भी इस व्रत के दौरान घर में प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए और न ही घर में बनाना चाहिए। व्रती परिवार को भी सात्विक भोजन ही करना चाहिए।