पाक के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) ने अपने परमाणु हथियारों का नियंत्रण अमेरिका को सौंप दिया था। यह दावा शुक्रवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व अफसर जॉन किरियाकू (John Kiriakou) ने किया है। किरियाकू ने कहा कि अमेरिका ने मुशर्रफ को लाखों डॉलर की मदद के जरिए ‘खरीद’ लिया था। उनके शासनकाल में अमेरिका को पाकिस्तान (Pakistan) की सुरक्षा और सैन्य गतिविधियों तक लगभग पूरी पहुंच थी। उन्होंने कहा, कि हमने लाखों डॉलर की सैन्य और आर्थिक मदद दी। बदले में मुशर्रफ (Musharraf) ने हमें सब कुछ करने दिया।
किरियाकू (John Kiriakou) ने यह बयान एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि मुशर्रफ ने दोहरे खेल खेले। उन्होंने एक तरफ अमेरिका के साथ दिखावा किया और दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना और चरमपंथियों को भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियां जारी रखने दिया।
2002 में भारत और पाकिस्तान थे युद्ध के कगार पर
किरियाकू (Kiriaku) ने बताया कि 2002 में भारत और पाकिस्तान युद्ध के कगार पर थे। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद से अमेरिकी अधिकारियों के परिवारों को निकाल लिया गया था। हमें लगा कि भारत और पाकिस्तान युद्ध में उतर सकते हैं। उन्होंने 2001 में संसद हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन पराक्रम (Operation Parakram) का जिक्र किया। किरियाकू ने दावा किया कि अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने दिल्ली और इस्लामाबाद का दौरा कर दोनों देशों के बीच समझौता करवाया।
2008 मुंबई हमलों पर बात करते हुए किरियाकू (John Kiriakou) ने कहा कि मुझे नहीं लगता था कि यह अल-कायदा है। मुझे हमेशा लगता रहा कि ये पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूह थे। और ऐसा ही साबित हुआ। असली कहानी यह थी कि पाकिस्तान भारत में आतंकवाद फैला रहा था और किसी ने कुछ नहीं किया।
PAK परमाणु वैज्ञानिक को सऊदी ने बचाया
पूर्व CIA अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान को अमेरिकी कार्रवाई से बचाने में सऊदी अरब (Saudi Arabia) का अहम रोल था। सऊदी ने अमेरिका को कहा कि खान को न छेड़ा जाए, जिससे अमेरिका ने अपने प्लान को छोड़ दिया।
किरियाकू (John Kiriakou) ने अमेरिकी विदेश नीति (US Foreign Policy) पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अमेरिका लोकतंत्र का ढोंग करता है, लेकिन वास्तव में अपने स्वार्थ के अनुसार काम करता है। उन्होंने यह भी बताया कि सऊदी और अमेरिका का रिश्ता पूरी तरह लेन-देन पर आधारित है, अमेरिका तेल खरीदता है और सऊदी हथियार। किरियाकू (John Kiriakou) ने कहा कि वैश्विक ताकतों का संतुलन बदल रहा है। अब सऊदी अरब (Saudi Arabia), चीन और भारत अपनी रणनीतिक भूमिका को नया आकार दे रहे हैं।








