संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session) एक दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के दौरान 19 दिन के सत्र में कुल पंद्रह बैठकें होंगी। अन्य सत्रों के मुकाबले ये सत्र छोटा रहेगा। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों का ज्यादातर असर सत्र में दिखेगा। देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में में चल रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान एसआईआर के दूसरे चरण को लेकर विपक्ष का विरोध दिख सकता है। मतदाता सूची में गड़बड़ियों को लेकर भी विपक्ष निशाना साध सकता है।
इस दौरान सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पारित कराने का प्रयास करेगी। इनमें संविधान में 129वां, 130वां संशोधन बिल, जन विश्वास बिल, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बिल आदि शामिल हैं। इससे पहले 2013 में छोटा शीतकालीन सत्र हुआ था। पांच दिसंबर से 18 दिसंबर तक केवल 14 दिन चले इस सत्र में 11 बैठकें ही हुईं थीं।
इस बार के विंटर सेशन (Winter Session) के दौरान विपक्ष देशव्यापी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और हरियाणा व महाराष्ट्र में कथित मतदान धोखाधड़ी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है। एसआईआर का पहला चरण बिहार में आयोजित किया गया था।
पिछला संसद सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक मानसून के दौरान आयोजित किया गया था। 32 दिनों में 21 बैठकें हुईं और संसद के दोनों सदनों ने 15 विधेयक पारित किए। पीआरएस रिसर्च के अनुसार, निर्धारित समय का दो-तिहाई हिस्सा हंगामे की भेंट चढ़ गया।









