उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में दो सगी नाबालिग बहनों के साथ बलात्कार किये जाने के मामले में एक 65 वर्षीय शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस अधीक्षक जय प्रकाश ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि थाना हजारा पुलिस ने आरोपी सतनाम सिंह उर्फ कारमेट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पूरनपुर के क्षेत्राधिकारी प्रमोद कुमार की जाँच में हजारा थाना पुलिस की लापरवाही सामने आयी है। पीडिता की सुनवाई न करने वाले तत्कालीन हजारा थानाध्यक्ष के खिलाफ़ भी जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए गये हैं।
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पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र के भुर्जगुनिया गांव की रहने वाली 13 और 15 वर्ष की दोनों लड़कियां अपने परिवार के साथ आरोपी सतनाम सिंह के घर रहकर मजदूरी करती थी ।
आरोप है कि 65 वर्षीय आरोपी मकान मालिक एक साल से उसकी बड़ी बहन के साथ दुष्कर्म करता रहा जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई, उसके बाद छोटी बहन के साथ भी आरोपी ने रेप किया। जानकारी होने पर पीड़ित परिवार की ओर से थाने पर मामले की शिकायत की गई थी।
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पीड़ित परिजनों का आरोप है कि दो महीने से लगातार न्याय के लिए थाने के चक्कर काटने के बाद पीड़िता ने मामले की शिकायत तहसील समाधान दिवस में पूरनपुर में की थी। जाँच के बाद पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आरोपी के खिलाफ थाने में गम्भीर धाराओं में केस दर्ज करवा कर रिपोर्ट न लिखने वाले तत्कालीन थानाध्यक्ष के खिलाफ भी जांच कर कार्रवाई की जायेगी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी के खिलाफ धारा 376,506 एवं पास्को एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया है । जाँच के दौरान यह पता चला कि बच्चियों ने तहसील समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था । इस मामले में सभ्रांत व्यक्तियों द्वारा घटना का समझौता भी करवा दिया गया था, जो कि ग़लत था। नियमतः थानाध्यक्ष को पीडिता की तहरीर पर एफआईआर दर्ज करके जांच करनी चाहिए थी। जो उसने नहीं किया। जाँच रिपोर्ट के बाद अब मामले में केस दर्ज कर जांच की जा रही है । लापरवाह तत्कालीन थानाध्यक्ष के खिलाफ विभागीय जांच करवाकर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।