लखनऊ। प्रदेश के समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरूण (Aseem Arun) की अध्यक्षता में उप्र ट्रांसजेंडर (किन्नर) कल्याण बोर्ड की प्रथम बैठक आज बापू भवन में हुई। बोर्ड की बैठक के दौरान ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए 100 दिन, 6 माह, 1 वर्ष, 2 वर्ष व 5 वर्षों में किये जाने वाले कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया गया। बैठक में श्री अरूण ने कहा कि किन्नरों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए एवं कल्याणकारी योजनाओं का उन्हें लाभ प्रदान करने के लिए भारत सरकार के ट्रांसजेंडर पोर्टल पर किन्नरों के पंजीकरण में तेजी लाई जायेगी।
उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर कैम्प लगाकर पोर्टल पर अधिक से अधिक पंजीकरण कराया जायेगा, जिससे इस समुदाय के जो लोग पंजीकरण करवाने में असमर्थ हों, उनका भी पंजीकरण आसानी से किया जा सकेगा। उन्होंने निर्णय लिया कि उप्र किन्नर बोर्ड को सोशल मीडिया से भी जोड़ने के लिए फेसबुक व इंस्टाग्राम पेज बनाया जायेगा और वेबसाइट बनाने पर भी सहमति हुई है। उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर के नाम पर फर्जी लोगों को रजिस्ट्रेशन करने से रोका जायेगा। उन्होंने जनपद स्तर पर किये गये रजिस्ट्रेशनों की साप्ताहिक रिपोर्ट संबंधित अधिकारी द्वारा राज्य स्तरीय बोर्ड को देने के भी निर्देश दिए।
समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय की कालोनियों या रहने के स्थान को चिन्हित किया जायेगा और वहां रहने वाले बीपीएल श्रेणी के किन्नरों को सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जायेगा। इन कालोनियों में आधारभूत सुविधाओं जैसे-नाली, सड़क, खड़ंजा, बिजली, पानी इत्यादि का बेहतर प्रबन्ध किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वयोवृद्ध व असक्त किन्नरों के लिए गरिमा गृह बनाकर उनके रहने का उचित प्रबन्ध किया जायेगा।
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बैठक में निर्णय लिया गया कि किन्नरों को शिक्षित करने हेतु विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि किन्नर समुदाय के उत्थान हेतु प्रदेश स्तर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। ट्रांसजेंडर दिवस पर इस समुदाय की उन्नति हेतु उत्कृष्ट कार्य करने वाले एनजीओ व व्यक्तियों को पुरस्कृत किया जायेगा। इनकी सुरक्षा हेतु हर थाने में एक सेल बनाया जायेगा। उन्होंने बोर्ड के सदस्यों को निर्देशित किया कि जनपद स्तर पर बोर्ड की बैठक हो जिससे वहां रहने वाले किन्नर समुदाय के लोगों की जानकारी हो सके। बोर्ड की नियमित बैठक हो व योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए बोर्ड के सदस्यों के बीच कार्यों का बंटवारा भी हो।