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धनतेरस पर जलाया जाता है यमराज के नाम का दीपक, जानिए विधि और महत्व

Writer D by Writer D
03/11/2023
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली
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Deepak

deepak

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हिंदू पंचांग के अनुसार, दिवाली का पांच दिवसीय त्योहार धनतेरस (Dhanteras) से शुरू होता है। इस बार दिवाली 12 नवंबर और धनतेरस 10 नवंबर को मनाई जाने वाली है। धनतेरस (Dhanteras) की रात को यमराज की पूजा के अलावा देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर की पूजा करने की भी परंपरा है। इस दिन रात्रि के समय दक्षिण दिशा में चौमुखा दीपक जलाया जाता है, जिसे यम दीपक कहा जाता है। इस बार त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को है, इसी दिन यम का दीपक जलाया जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि यम का दीपक जलाने का क्या कारण है। आज हम आपको धनतेरस पर यम का दीपक जलाने की विधि और महत्व बताने जा रहे हैं।

क्यों जलाया जाता है यम का दीपक?

धनतेरस (Dhanteras) के दिन यम दीपक जलाने के पीछे एक पौराणिक कथा है। इसके अनुसार, किसी राज्य में हेम नामक राजा था। ईश्वर की कृपा से उन्हें एक पुत्र प्राप्त हुआ। जब विशेषज्ञों ने उनके बेटे की कुंडली दिखाई, तो उन्हें पता चला कि शादी के चार महीने बाद राजकुमार की मृत्यु हो जाएगी। ऐसे में राजा ने उसे ऐसी जगह भेज दिया, जहां किसी लड़की की परछाई भी उस पर न पड़े। लेकिन वहां उन्होंने एक राजकुमारी से विवाह कर लिया। रीति के अनुसार विवाह के चौथे दिन यमराज के दूत राजकुमार के पास आए।

यह देखकर राजकुमारी बहुत रोई। दूतों ने ये सारी बातें यमराज को बताई और यम के दूतों में से एक ने कहा, “हे यमराज, ऐसा कोई उपाय नहीं है, जिससे किसी व्यक्ति को अकाल मृत्यु से बचाया जा सके।”

तब उन्होंने यमराज से कहा कि जो कोई कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन शाम के समय मेरी ओर से दक्षिण दिशा में दीपक जलाएगा, तो वह अकाल मृत्यु से बच जाएगा। इसी कारण से हर साल धनतेरस पर यम का दीपक जलाने की परंपरा है।

इस विधि से जलाएं दीपक

धनतेरस (Dhanteras) के दिन आटे का चौमुखा दीपक बनाएं या मिट्टी के दीपक के चारों ओर बाती रखें और उसमें सरसों का तेल भरें। इसके बाद इस दीपक को घर की दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जलाएं। इसके साथ ही इस मंत्र का जाप करें।

Tags: AstrologyAstrology tipsDhanterasDhanteras 2023dhanteras datedhanteras katha
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