• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

एक बीमारी जिसने हर साल ली 10 लाख बच्चों की जान, उसकी वैक्सीन बनाने में मिली सफलता

Writer D by Writer D
30/04/2021
in Main Slider, अंतर्राष्ट्रीय, ख़ास खबर, स्वास्थ्य
0
maleria

maleria

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिससे पूरी मानव जाति पिछले पचास हजार सालों से पीडि़त है, लेकिन जिसके लिए आज तक कोई वैक्‍सीन नहीं खोजी जा सकी। जितनी मौतें पिछले एक साल में पूरी दुनिया में कोविड से हुई हैं, उतनी मौतें अफ्रीका में हर साल मलेरिया से होती हैं। हर साल तकरीबन 50 करोड़ लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं और 10 लाख से ज्‍यादा लोग मृत्‍यु का शिकार हो जाते हैं। मलेरिया से मरने वालों में अधिकांशत: उप सहारा अफ्रीका के बच्‍चे और युवा हैं. मलेरिया मुख्‍यत: एशिया और अफ्रीका में ही फैलता है. इसके इलाज के लिए कई दवाइयों को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की मान्‍यता मिली हुई है, लेकिन आज तक कोई ऐसा टीका या वैक्‍सीन नहीं खोजी जा सकी, जो मलेरिया को होने से रोक सके।

लेकिन हाल ही में एक ऐसी खबर आई है, जिसे लेकर डॉक्‍टरों और वैज्ञानिकों में काफी उत्‍साह है।

बुरकीना फासो में पिछले कई सालों से मलेरिया की वैक्‍सीन को लेकर परीक्षण किए जा रहे थे। उस परीक्षण के शुरुआती नतीजों में वैज्ञानिकों को सफलता प्राप्‍त हुई है। इस शुरुआती सफलता को देखते हुए ये माना जा रहा है कि जल्‍द ही चिकित्‍सा विज्ञान को मलेरिया की वैक्‍सीन बनाने और इस बीमारी को जड़ से समाप्‍त करने में सफलता मिल सकती है।

द लैंसेट जरनल की रिपोर्ट

द लैंसेट जरनल में इस परीक्षण के नतीजे छपे हैं। इसमें विस्‍तार से बताया गया है कि मलेरिया की इस वैक्‍सीन के परीक्षण की प्रक्रिया क्‍या थी और परीक्षण के क्‍या नतीजे निकले। पिछले 12 महीने लगातार वैक्‍सीन के परिणामों को करीब से मॉनीटर किया गया और डॉक्‍टरों ने पाया कि इसमें उन्‍हें 77 फीसदी तक सफलता हासिल हुई है।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन किसी भी वैक्‍सीन के सफलता के लिए 75 फीसदी के मिनिमम सक्‍सेस रेट को पैमाना मानता है। उस पैमाने के हिसाब से देखा जाए तो इस वैक्‍सीन की सफलता की दर मिनिमम सक्‍सेस रेट से कहीं ज्‍यादा है। दरअसल मलेरिया के खोजी गई ये पहली वैक्‍सीन है, जिसका सक्‍सेस रेट इतना ज्‍यादा है।

परीक्षण की प्रक्रिया

एक साल तक चली इस वैक्‍सीन की परीक्षण की प्रक्रिया में कुल साढ़े चार सौ बच्‍चे शामिल थे। ये बच्‍चे 5 महीने से लेकर 17 महीने तक की आयु वर्ष के थे। परीक्षण में शामिल बच्‍चों के तीन अलग-अलग समूह बनाए गए और तीनों पर अलग प्रकार से परीक्षण करके वैक्‍सीन के परिणामों को जांचने की कोशिश की गई। पहले समूह को R21/मैट्रिक्स-M वैक्सीन कम मात्रा में दी गई। दूसरे समूह को R21/मैट्रिक्स-M वैक्सीन थोड़ी ज्‍यादा मात्रा में दी गई और तीसरे समूह को ये वैक्‍सीन नहीं दी गई। इसकी जगह उस समूह को रेबीज की वैक्‍सीन दी गई. जिस समूह को ज्‍यादा मात्रा में R21/मैट्रिक्स-M वैक्सीन दी गई थी, उस समूह मलेरिया के खिलाफ सफलता की दर 77 फीसदी थी। जिस समूह को कम मात्रा में R21/मैट्रिक्स-M वैक्सीन दी गई, उस समूह में सफलता की दी 71 फीसदी पाई गई और वैक्‍सीन से वंचित तीसरे समूह में मलेरिया का शिकार होने का प्रतिशत बाकी दोनों समूहों से ज्‍यादा रहा।

पटियाला बेब्स के ‘हनुमान सिंह’ की बिगड़ी तबीयत, ICU में एडमिट

अब डॉक्‍टर और वैज्ञानिक इस वैक्‍सीन का परीक्षण ज्‍यादा बड़े समूह के साथ करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्‍हें यकीन है कि इसके नतीजे भी उम्‍मीद जगाने वाले होंगे। यदि ऐसा होता है तो पचास हजार साल पुरानी इस बीमारी को आखिरकार दुनिया से खत्‍म करने में हमें सफलता मिल सकती है।

परीक्षण के अगले चरण में वैज्ञानिक अफ्रीका के चार बड़े देशों को शामिल करने की योजना बना रहे हैं। इस परीक्षण में पांच महीने से लेकर 36 महीने तक के तकरीबन पांच हजार बच्‍चों के ऊपर वैक्‍सीन का ट्रायल किया जाएगा। अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो आगे के लिए और उम्‍मीद जगेगी।

एक मच्‍छर के काटने भर से होने वाली इस जानलेवा बीमारी ने पिछले एक दशक से दुनिया भर के डॉक्‍टरों और वैज्ञानिकों को परेशान कर रखा है। इसके इलाज के लिए तरह-तरह की दवाइयां ईजाद की जाती रही हैं, लेकिन कोई ऐसा तरीका नहीं निकला, जिससे इस बीमारी को ही जड़ से समाप्‍त किया जा सके।

जनपक्षीय पत्रकारिता के अप्रतिम हस्ताक्षर थे रोहित सरदाना : योगी ​आदित्यनाथ

12 साल पहले ऑस्‍ट्रेलिया के कुछ वैज्ञानिकों और डॉक्‍टरों ने मलेरिया के इलाज के लिए एक दवा खोजी, जो काफी कारगर भी रही। दरअसल उनका शोध मुख्‍यत: इस बात को समझने पर केंद्रित था कि आखिर मलेरिया का विषाणु मच्‍छर कि जरिए हमारे शरीर में घुसकर कैसे काम करता है। वह किस तरह खून में प्रवेश करके रक्‍त कोशिकाओं को अपनी गिरफ्त में लेता है और उनकी प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करके अपना प्रोटीन तैयार करता है और फिर उसे रक्‍त के जरिए पूरे शरीर में फैलाना शुरू करता है।

वैज्ञानिकों ने पाया कि जिस वक्‍त मलेरिया का विषाणु अपने विषाक्‍त प्रोटीन की रेंज शरीर में तैयार कर रहा होता है, उस वक्‍त अगर एक भी प्रोटीन को किसी बाहरी सपोर्ट के जरिए नष्‍ट कर दिया जाए तो वह चेन बीच में ही रुक जाती है और मलेरिया का शरीर पर प्रभाव कम होने लगता है। यह इलाज काफी कारगर रहा और पूरी दुनिया में मलेरिया से निबटने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

लेकिन यहां असली सवाल बीमारी की दवा खोजने का नहीं, बल्कि बीमारी को जड़ से समाप्‍त करने का है। जैसे चेचक और पोलियो जैसी बीमारियों को जड़ से समाप्‍त किया गया, वैसे ही हमें एक ऐसी वैक्‍सीन की जरूरत है, जिससे मलेरिया को दुनिया से खत्‍म किया जा सके। शुरुआती नतीजे तो उत्‍साहजनक हैं। उम्‍मीद है, जल्‍द ही हमें और अच्‍छी खबर सुनने को मिलेगी.।

Tags: health newsmaleriamaleria vaccine
Previous Post

पटियाला बेब्स के ‘हनुमान सिंह’ की बिगड़ी तबीयत, ICU में एडमिट

Next Post

इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए जरूर ले ये काढ़ा,स्वस्थ्य को रखेंगे दुरुस्त

Writer D

Writer D

Related Posts

CM Yogi inspects construction work of Gorakhpur's first six-lane flyover
Main Slider

गोरखपुर में सिक्सलेन फ्लाईओवर निर्माण पर सीएम योगी की नाराजगी, कार्य में तेजी लाने के निर्देश

04/11/2025
CM Vishnudev Sai
Main Slider

टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का नया पावर सेंटर बन रहा है छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री

04/11/2025
CM Dhami
Main Slider

उत्तराखण्ड के नगरों में स्वच्छता और बुनियादी ढाँचे को मिला नया आयाम

04/11/2025
CM Yogi
Main Slider

मुख्तार अंसारी से खाली कराई गई जमीन पर बने ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स की चाबी बांटेंगे सीएम योगी

04/11/2025
Train Accident
Main Slider

पैसेंजर और मालगाड़ी की हुई टक्कर, कई लोगों की मौत

04/11/2025
Next Post
To keep the immunity strong

इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए जरूर ले ये काढ़ा,स्वस्थ्य को रखेंगे दुरुस्त

यह भी पढ़ें

liquor smuggler arrested

मिलावटी शराब सप्लाई करने वाले चार कारोबारी गिरफ्तार, 12 लाख की शराब बरामद

14/04/2021
cm yogi

बिना चिंता कराइए उपचार, हॉस्पिटल का पैसा देगी सरकार : सीएम योगी

11/11/2024
Glowing Skin

बहुत काम के है छिलके, आजमाएं इससे बने ये फेस पैक

13/06/2025
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version