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आम के पेड़ पर बनाया सपनों का आशियाना, हाइटेक घर देखकर हो जाएंगे मंत्रमुग्ध

जिस तरह दिल्ली में 6 गज जमीन पर तीन मंजिला घर अपने आप में नायाब कारीगरी का नमूना है ठीक उसी तरह से इंजीनियर केपी सिंह के सपनों का आशियान भी दुनिया में सबसे जुदा है। सिंह ने आज से 21 साल पहले ही प्रकृति की गोद में बनाये गये अपने इस आशियाने में बाथरूम, बेडरूम और किचन समेत वो तमाम सुख सुविधायें जुटा डाली जो एक लग्जरी लाइफ के जरूरी होती हैं। इस घर को देखकर आपका आश्चर्यचकित होना लाजिमी है क्योंकि पेड़ पर ऐसा सुंदर, अल्ट्रा मॉर्डन और लग्जरी पक्का घर शायद आपको दुनिया में कहीं भी देखने को नहीं मिलेगा।

जैसे ऊंचे पहाड़ों, शांत नदियों के किनारे और रात के समय रेगिस्तान के ठंडे रेतीले धोरों में रहने का अपना एक अलग ही आनंद है वैसे ही आम के पेड़ पर बने इस मकान में सुकून के पल बिताना बेहद खास है। इस घर में रहने का मतलब है प्रकृति की गोद में स्वच्छ सांस लेना यानी बिल्कुल ‘नेचुरल’। यही कारण है कि यह ‘ट्री हाउस’ उदयपुर में हर आम और खास का ध्यान अपनी ओर खींच लेता है। पेड़ पर बने इस घरौदें पेड़ टहनियों के अनुसार डिजाइन किया गया है।

सिंह का आशियाना जमीन से करीब 9 फीट की ऊंचाई के बाद शुरू होता है। करीब 39 फीट ऊंचाई तक बने इस सपनों के इस महल में चढ़ने के लिये रिमोट से संचालित होने वाली सीढ़ियां लगाई गई है। यह आपको एक सुखद अनुभव कराती है। इस घर के निर्माण में सबसे चौंकाने वाली बात यह कि इसमें प्रकृति के संरक्षण को ध्यान में रखते हुये कहीं भी लकड़ी का उपयोग नहीं किया गया है। मकान के इस पूरे स्ट्रक्चर में स्टील, सेल्यूलर शीट और फाइबर को काम लिया गया है।

इंजीनियर केपी सिंह ने जब अपने सपनों के महल की परिकल्पना की थी तभी उन्होंने सोच लिया था कि वह ऐसा होना चाहिये कि उसमें पेड़ की छांव भी हो और ताजी हवा के झौंके भी अंदर के वातावरण को स्वच्छ रखे। बस फिर क्या था सिंह ने अपने सपने को साकार करने के लिये वर्ष 2000 में उसे अंजाम तक पहुंचाकर एक अनूठी मिसाल भी कायम कर डाली। मिसाल भी ऐसी की हर किसी का मन इसमें रहने को होता है। जब आप इस घर के ड्राइंग और डाइनिंग रूम में जाएंगे तो आपको वहां इसी पेड़ की टहनियों का बनाया हुआ सोफा भी नजर आयेगा।

पर्यावरण प्रेमी केपी सिंह ने इस आशियाने को बनाते समय इस बात का खास ख्याल रखा कि आम के पेड़ को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिये। इसके लिये तमाम सतर्कता बरतते हुये इसका निर्माण कराया और पेड़ की एक भी टहनी को काटे बिना चार मंजिला ड्रीम हाउस बना डाला। यह सिंह की इंजीनियरिंग और पर्यावरण संरक्षण की एक ऐसी अनूठी मिसाल है जो शायद आपको कहीं भी देखने को नहीं मिलेगी।

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