शनिवार का दिन न्याय के देवता शनि देव (Shani Dev) समर्पित है। शनिवार को कर्मफल दाता शनि देव की आराधना की जाती है। शनि देव लोगों को उनके कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनिवार का दिन शनि देव की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना गया है। इस दिन शनि देव की आराधना करने से शनि देव (Shani Dev) की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जिन लोगों पर शनि साढ़ेसाती, शनि की ढैय्या या शनि दोष से प्रभावित होते हैं उन लोगों को इससे मुक्ति मिलती है।
शनिवार के दिन शनि देव (Shani Dev) के लिए व्रत किया जाता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैय्या चल रही हो उन लोगों को शनिवार का व्रत करना चाहिए। इस व्रत को करने से आप शनि की साढ़ेसाती और शनि दोष को कम कर सकते हैं। साथ ही जीवन इसके कारण चल रही समस्याओं और कठिनाइयों को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।
कुंडली में शनि (Shani) की स्थिति अगर कमजोर है तो उसके दुष्प्रभावों को कम करने के लिए या उससे मुक्ति पाने के लिए शनिवार का व्रत किया जा सकता है। यहां पढ़ें शनिवार व्रत की संपूर्ण विधि और व्रत करने का सही तरीका।
शनिवार व्रत (Shaniwar Vrat) विधि
– इस दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें। अगर आप पहली बार व्रत कर रहें हैं तो 7, 11 या 21 व्रत का संकल्प ले सकते हैं।
– इस दिन नीले या काले रंग के वस्त्र धारण करें।
– इस दिन सुबह पीपल के पेड़ की पूजा करें।
– पीपल के पेड़ की जड़ पर जल चढ़ाएं।
– शाम के समय शनि मंदिर जाकर शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें।
– शनि देव के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं, दीपक में काले तिल और उड़द की दाल डालें।
– इस दिन शनि मंदिर में शनि देव को काला कपड़ा अर्पित करें।
– शनि देव के मंत्र का जाप करें।
– शनि चालीसा का पाठ करें।
शनि देव (Shani Dev) की पूजा घर के बजाएं मंदिर में करना उचित होता है। शनि देव की मूर्ति या चित्र को घर में स्थापित नहीं कर सकते इसीलिए उनकी पूजा मंदिर में ही करनी चाहिए।