उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर सोशल मीडिया के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोह के 50 हजार रुपये के इनामी अपराधी राजेश कुमार उर्फ संतोष दूबे को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर आज वाराणसी थाने में दाखिल करा दिया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया (फेसबुक, मैसेन्जर, व्हाट्सअप आदि) के माध्यम से ठगी कर यूएसए/कनाडा आदि देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर बन्धक बनाकर हवाला के माध्यम से अवैध वसूली करने वाले गिरोह के 50,000 के इनामी अपराधी राजेश कुमार उर्फ संतोष दूबे को मध्य प्रदेश के गांधीनगर जिला रतलाम से गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया (फेसबुक, फेसबुक मैसेन्जर एवं व्हाट्सअप आदि) के माध्यम से विदेशों मुख्यतः अमेरिका एवं कनाडा में नौकरी व वीजा दिलाने के नाम पर एक अन्तर्राज्यीय संगठित गिरोह ने नरोडा, अहमदाबाद, गुजरात के कुछ लोगों को 22 नवम्बर 2019 को जिला वाराणसी के कैण्ट क्षेत्र में बुलाकर बन्धक बनाते हुये 20 लाख रूपये अवैध रूप से हवाला के माध्यम से नई दिल्ली में वसूला गया था। इस संबंध में वाराणसी के थाना कैण्ट पर मुकदमा दर्ज कराया गया था।
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प्रवक्ता ने बताया कि इस गिरोह के अपराधिक कार्यों पर अंकुश लगाते हुये गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की वाराणसी फील्ड इकाई को निर्देशित किया गया । इसी क्रम में गिरोह के सरगना आजमगढ़ निवासी राजवीर यादव, नेपाल निवासी कपिल उर्फ भाष्कर उर्फ भाटिया तथा कोलकता निवासी पवन गांधी को एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इसी मुकदमें में वांछित चल रहे गिरोह के एक अन्य सदस्य राजेश कुमार उर्फ संतोष को रतलाम को बुधवार को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। इसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था। फरार ठग को रतलाम के गांधीनगर मौहल्ले से गिरफ्तार करने के बाद उसे न्यायालय से ट्रांजिट रिमाण्ड पर लिया गया था और आज वाराणसी के कैण्ट थाने में दाखिल करा दिया गया था। स्थानीय विवेचक के माध्यम से न्यायालय में प्रस्तुत करने की विधिक कारवाही की जा रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि पूछताछ पर पता चला कि इन लोगों का एक संगठित गिरोह है, जिसका सरगना राजवीर सिंह यादव है। यह गिरोह दो भागों में बटकर अपराध को अंजाम देता है। पहले भाग को पवन गांधी संचालित करता है। पवन गांधी सोशल मीडिया के प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, फेसबुक मैसेन्जर, व्हाट्सअप आदि पर फर्जी आईडी से यूएसए, कनाडा में नौकरी दिलाने का विज्ञापन पोस्ट करता है। यह विज्ञापन विशेषकर बंगलादेश, नेपाल एवं गुजरात के लोगों के लिये निकाला जाता है और इसी विज्ञापन में सम्पर्क करने के लिये अपना एक मोबाइल नंबर भी दिया जाता है। इस नंबर पर बातचीत एवं व्हाट्सअप चैट किया जाता है।
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उन्होंने बताया कि यह कार्य एक से दो माह तक चलता है। जब यह बात तय हो जाती है कि कोई व्यक्ति यूएसए, कनाडा जाने के लिये तैयार हो गया है तो उसी समय इच्छुक व्यक्ति को बताया जाता है कि नौकरी मिलने के तुरन्त बाद हवाला के माध्यम से एक व्यक्ति को 15 से 20 लाख रूपये तक देना पड़ेगा। अग्रिम धनराशि के रूप में कुछ नहीं लगेगा। इस पर संबंधित व्यक्ति तुरन्त विश्वास कर लेता है और उसके परिवारीजन भी तैयार हो जाते हैं। तब संबंधित व्यक्ति को वाराणसी या अन्य ठिकानों पर बुलाया जाता है और जब संबंधित व्यक्ति पहुंच जाता है तो इन्हें होटल में ठहराया जाता है और यहाॅं से गिरोह के दूसरे भाग का काम शुरू हो जाता है। इसका नेतृत्व राजवीर सिंह यादव करता है।
प्रवक्ता ने बताया कि राजवीर सिंह यादव अपने गैंग के सदस्यों जिसमें राजेश कुमार उर्फ संतोष, कपिल उर्फ भाटिया उर्फ भाष्कर आदि शामिल हैं, के माध्यम से उक्त होटल व व्यक्ति की निगरानी कराता है कि कहीं पुलिस पीछे तो नहीं लगी है। जब निश्चिंत हो जाते हैं तब संबंधित व्यक्ति को यह कहते हुये कि आपको हम लोग विदेश भेजने के लिये एयरपोर्ट ले कर चल रहे हैं,लेकिन ये लोग उसे एयरपोर्ट न/न ले जाकर सारनाथ व सिगरा स्थित अपने ठिकाने पर ले जाकर बन्धक बना लेते हैं। इसके बाद मारपीट एवं बन्दूक सटाकर धमकाते हुये परिजनों से बात करवाते हैं कि यह बता दो कि हमलोग एयरपोर्ट पहुंच गये हैं हमारी बोर्डिंग तैयार हो गयी है और में अपना मोबाइल स्विचऑफ कर रहा हॅूं। विदेश पहुचने के बाद बात होगी और मोबाइल स्विच ऑफ कर लेते हैं।
उन्होंने बताया कि विदेश में फ्लाईट के पहुचने की अवधि के हिसाब से संबंधित देश का वर्चुअल नंबर इण्टरनेट से तैयार कर पुनः मारपीटकर बन्दूक सटाकर परिवार के लोगों से यह बात कराते हैं कि मैं विदेश पहुच गया हॅू और मुझे जाॅब मिल गयी है और यहां का मौसम खराब है, इसलिये विडियो काॅलिंग नहीं कर पा रहा हॅूं। जो पैसा तय हुआ था वह हवाला के माध्यम से दे दें। इसपर परिवार वाले विश्वास कर हवाला के माध्यम से पैसा इस गैंग के लोगों को भेजवा देते हैं, जिसे पवन गांधी दिल्ली में उक्त पैसा हवाला के माध्यम से प्राप्त कर लेता है। पैसा प्राप्त हो जाने के बाद गैंग द्वारा बन्धक बनाये गये व्यक्ति को आँख पर पट्टी बांधकर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे टिकट देकर छोड़ दिया जाता है और पैसा गैंग में बराबर बांट लिया जाता है। यह गिरोह अबतक 35 से 40 लोगों के साथ इसी तरह की अवैध वसूली की जा चुकी है। इस गिरोह द्वारा वर्ष 2017 में नरेश चुन्नी लाल मोदी निवासी सी-12 लक्ष्मी अपार्टमेण्ट संतकबीर थाना नौरंगपुरा अहमदाबाद गुजरात से 14 लाख रूपये लिया गया था। इस संबंध में वाराणसी के थाना फूलपुर पर मुकदमा दर्ज किया गया था।