खिलाडियों एवं किसानों के एक समूह ने प्रदर्शनकारियों को साफ कपड़ों के लिए बार बार घर का चक्कर लगाने से बचाने के लिए दिल्ली के सिंघू बार्डर पर कई वाशिंग मशीनें लगाकर लांड्री सेवाएं शुरू की हैं।
पंजाब और हरियाणा के 12 खिलाडियों तथा भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के चार युवा किसानों ने बताया कि उन किसानों के लिए चीजें आसान करने के लिए लांड्री सेवाएं शुरू की गयी हैं जो केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ये वाशिंग मशीनें रोजाना आठ-10 घंटे चलती हैं तथा किसानों के फोन नंबर एवं ठहरने की जगह का ब्योरा लिया जाता है एवं धुले हुए कपड़े उन्हें पहुंचा दिये जाते हैं।
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बीकेयू के इन चार किसानो में एक और लुधियाना के रहने वाले जगजीत सिंह ने कहा कि धुले कपड़े के लिए जब उन्होंने सिंघू और अपने शहर के बीच कई चक्कर लगाये तो उनके मन में लांड्री सेवा शुरू करने का ख्याल आया। ऐसे में जब वह दो दिन पहले लुधियाना गये तो उन्होंने और उनके तीन दोस्तों ने न केवल धुले कपड़े लिये बल्कि अपने साथ कपड़े धोने की दो मशीनें भी लायीं।
जगजीत ने कहा, पिछले दो दिनों से सभी किसानों आ रहे हैं और गंदे कपड़े जमा कर रहे हैं जिन्हें हम धोकर सुखा देते हैं।
किसान अपने साथ पानी को जो टैंकर लेकर आये हैं और कई लोगों ने उन्हें जो वाशिंग पाउडर दिया है, उनसे मशीनें रविवार से रोजाना 10 घंटे चल रही हैं।
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खिलाडियों के एक समूह द्वारा भी 28 नवंबर से ऐसी ही सेवा प्रदान की जा रही है। इस समूह ने कुंडली में केस्सेल ग्रांड मॉल के समीप खुले स्थान पर दो मशीनें लगायी हैं जो सुबह आठ बजे से शाम सात बजे तक कपड़े धोती हैं।
पंजाब के कबड्डी खिलाड़ी निशांत सिंह ने कहा, हम करीब 12 लोग हैं और हम बारी बारी से कपड़े धोते हैं। उसके बाद वहां हम सफाई कर देते हैं।