लखनऊ के कैसरबाग थाना क्षेत्र के तहत आने वाली मछली मंडी में मंगलवार दोपहर एक विशालकाय पीपल का पेड़ (Tree Fell) अचानक से नीचे गिर गया। इस दौरान पेड़ की चपेट में आने से एक घर की दीवार, टीन शेड और कुछ दुकानों दब गई, जिसके नीचे कई लोग दब गए। आनन-फानन में मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही तत्काल कैसरबाग थाना प्रभारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि पेड़ करीब 150 साल पुराना था। सोमवार की पूरी रात बारिश होने के बाद यह घटना हुई है। पेड़ की टहनियों ने आसपास के घरों को भी क्षतिग्रस्त किया है। पेड़ के नीचे कई गुमटियां भी दबी हुई हैं। दबे लोगों को निकाल-निकाल कर अस्पताल भेजा जा रहा है। ब्रजेश पाठक ने कहा कि सभी का बेहतर इलाज कराया जाएगा। अधिकारियों को इस बारे में निर्देश भी दे दिया गया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि एक व्यक्ति की मौत की सूचना है। अन्य सभी घायलों को बलरामपुर अस्पताल और सिविल अस्पताल भेजा गया है। वहां सभी का इलाज चल रहा है। केजीएमयू को डॉक्टरों को भी अलर्ट कर दिया गया है। अगर जरूरत पड़ेगी तो वहां भी भेजकर तत्काल इलाज कराया जाएगा।

पेड़ इतना विशाल था कि उसके गिरते (Tree Fell) ही टीन शेड की मंडी का बड़ा हिस्सा उसकी चपेट में आ गया। इससे अफरातफरी मच गई। मौके पर चीख-पुकार मच गई। हादसे में मछली बेचने वाले रामू दादा की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में एक गैस सिलेंडर सप्लाई करने वाला युवक भी शामिल है। दोनों को तत्काल अस्पताल भिजवाया गया।
पेड़ गिरने की आवाज सुनते ही मंडी में मौजूद लोग इधर-उधर भागने लगे। कुछ लोगों ने समय रहते भागकर अपनी जान बचा ली, लेकिन जो लोग पेड़ के पास शेड में मछली बेच रहे थे, वे दब गए। देखते ही देखते पूरा इलाका डर से भर गया। स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों ने तुरंत पुलिस और नगर निगम को सूचना दी।
खबर मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और नगर निगम की टीमें मौके पर पहुंचीं। पेड़ इतना विशाल था कि उसे हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। काटने की मशीनों की मदद से शाखाओं को हटाया गया। राहत कार्य की निगरानी खुद पुलिस अधिकारियों ने की। कमिश्नर डॉ रोशन जैकब और नगर आयुक्त गौरव कुमार भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और राहत अभियान का जायजा लिया।
पेड़ मकान की बजाय दूसरी तरफ, यानी सब्जी मंडी की ओर गिरा। उस समय मंडी में सामान्य दिनों के मुकाबले भीड़ काफी कम थी, क्योंकि मंगलवार को मंडी लगभग बंद रहती है। इसी वजह से बड़ा हादसा टल गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि यह पेड़ किसी और दिन गिरता तो दर्जनों लोग इसकी चपेट में आ सकते थे।
स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि हादसा अचानक हुआ। हम लोगों ने जोर की आवाज सुनी और तुरंत भागकर बाहर आ गए। लेकिन कुछ लोग नहीं निकल पाए। अगर मंगलवार को मंडी बंद न होती तो नुकसान बहुत बड़ा हो सकता था।
पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। नगर निगम और प्रशासन ने मंडी में लगे अन्य पेड़ों और आसपास की जर्जर इमारतों की भी जांच कराने का आदेश दिया है। पास ही एक और भारी-भरकम पेड़ खड़ा है, जिसे लेकर स्थानीय लोगों ने आशंका जताई है।









