मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने 26/11 के आतंकी हमले में शहीद हुए मुंबई पुलिस के सब-इंस्पेक्टर अशोक चक्र विजेता तुकाराम ओंबले ( Tukaram Omble) के सम्मान में एक स्मारक बनाने का फैसला किया है। यह स्मारक सतारा जिले में उनके पैतृक गांव केदांबे में बनाया जाएगा, जहां तुकाराम ओंबले का जन्म हुआ था।
महाराष्ट्र सरकार ने इस स्मारक के निर्माण के लिए 13.46 करोड़ रुपये की राशि मंजूर किए हैं। इस स्वीकृत राशि की पहली किस्त 2॰70 करोड़ रुपये (20%) प्रशासन को उपलब्ध करा दी गई है तुकाराम ओम्बले वही पुलिस कर्मचारी थे जिन्होंने अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा था।
तुकाराम ( Tukaram Omble) ने सीने पर खाई थीं 23 गोलियां
तुकाराम ( Tukaram Omble) ने बहादुरी दिखाते हुए कसाब और इस्माइल खान को गिरगांव चौपाटी के पास रोक लिया था। तुकाराम ने कसाब की राइफल को इतनी मजबूती से पकड़ कर रखा था कि वह उसे घुमा भी नहीं सका। यही वजह रही कि दूसरे पुलिसकर्मियों की जान बच सकी और कसाब को जिंदा पकड़ा जा सका था। कसाब ने उस दौरान तुकाराम पर 23 गोलियां बरसाईं लेकिन फिर भी उन्होंने उसकी बंदूक को हिलने तक नहीं दिया था। इसी हमले में वह शहीद हो गए थे।
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उस हमले में महाराष्ट्र पुलिस ने संयुक्त आयुक्त हेमंत करकरे (जोकि उन दिनों आतंकवादी निरोधी दस्ते के प्रमुख भी थे), अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक कामटे, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर विजय सालस्कर, सीनियर इंस्पेक्टर शशांक शिंदे, एनएसजी कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, एनएसजी कमांडो हवलदार गजेंद्र सिंह बिष्ट सहित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के तीन रेलवे अधिकारी शहीद हो गए थे।
26/11 की रात क्या हुआ था
26/11 की रात सीएसटी रेलवे स्टेशन को अपना निशाना बनाने के बाद अजमल कसाब और उसका सहयोगी इस्माइल खान ने कामा अस्पताल को अपना निशाना बनाया। दोनों आतंकी अस्पताल के पिछले दरवाजे पर पहुंचे, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने अंदर से सारे दरवाजे बंद कर दिए थे। लेकिन दोनों ने अस्पताल के बाहर घात लगाए बैठी पुलिस की टीम पर हमला बोल दिया जिसमें एटीएस चीफ हेमंत करकरे सहित 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गए।