बरेली। यूपी एसटीएफ (UP STF) ने बुधवार को सौ करोड़ की टैक्स चोरी (Tax Evasion) में फरार चल रहे आबकारी इंस्पेक्टर (Excise Inspector) को गिरफ्तार (Arrested) किया है। वह काफी समय से फरार चल रहा था, जिस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी था। इससे पहले एसटीएफ डिप्टी कमिश्नर आबकारी को भी गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी हैं।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बुधवार को बताया कि शराब फैक्ट्री को-आपरेटिव कम्पनी लिमिटेड टपरी सहारनपुर लोकल आबकारी डिस्ट्रीब्यूटर्स, ट्रान्सपोर्टर एवं फैक्ट्री में नियुक्त आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से भारी मात्रा में अवैध शराब निकाली जा रही थी। इससे प्रत्येक माह करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी कर राज्य सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा था। मामले के संज्ञान में आने के बाद जांच एसटीएफ कर रही थी।
एसटीएफ ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए आठ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। इस कड़ी में तत्कालीन फैक्ट्री इंचार्ज आबकारी निरीक्षक अरविन्द वर्मा को हरदोई से गिरफ्तार किया है। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम था। पूछताछ में बताया कि वह “को-ऑपरेटिव कम्पनी टपरी सहारनपुर का तत्कालीन आबकारी निरीक्षक का कार्य देख रहा था उससे पूर्व फैक्ट्री का कार्य जगराम पाल, सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा विगत करीब दो वर्षों से सम्पादित किया जा रहा था। टपरी फैक्ट्री से एक ही बिल्टी पर दो बार शराब निकालने का कार्य होता था। टपरी को-ऑपरेटिव फैक्ट्री में नियुक्त अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से एक्साइज टैक्स की बड़ी चोरी की घटना अंजाम दी जाती थी। फैक्ट्री से गाड़ी की निकासी के दौरान फैक्ट्री के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा फैक्ट्री के सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया जाता था। ट्रांसपोर्ट कम्पनी के ट्रक ड्राईवरों द्वारा ट्रक में लगे जीपीएस को भी ऑफ कर दिया जाता है, जिसके कारण गाड़ियों के फेरों की जीपीएस लोकेशन लॉग नहीं होती थी। इस समस्त कार्य में को-ऑपरेटिव कम्पनी टपरी सहारनपुर के मालिक और अधिकारियों की पूरी मिलीभगत होती थी। फैक्ट्री मालिक प्रणय अनेजा के निर्देशन में एक ही बिल्टी पर दो बार शराब लदी गाड़ी (एक बार वैध एवं एक बार अवैध रूप से) निकालने का काम प्रारम्भ किया गया, जिसमें एक्साइज विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता रहती थी।
अभियुक्त ने यह भी बताया कि जुलाई 2019 में उसकी एसएसएफ सहारनपुर प्रभार सहारनपुर में नियुक्ति हुई थी। 18 जनवरी 2021 को एसएसएफ सहारनपुर को मर्ज करके उसकी नियुक्ति प्रवर्तन दल-2 सहारनपुर में हुई थी। इसका मुख्य कार्य हरियाणा बार्डर पर चेकिंग करना था। 14 फरवरी 2021 को आबकारी आयुक्त प्रभार सहारनपुर राकेश चतुर्वेदी के आदेशानुसार गागनीली आसवनी सहारनपुर के सहायक आबकारी आयुक्त रामकृत राम के पर्यवेक्षण में टपरी आसवनी के कार्यों को भी सम्पादित किये जाने का आदेश दिया गया था। राकेश चतुर्वेदी द्वारा निर्देश दिया गया था कि शराब निकासी प्रपत्र पीडी-25 पर हस्ताक्षर अपनी ड्यूटी स्थल पर ही मंगाकर कर दिया करें, फैक्ट्री जाने की आवश्यकता नहीं है। फैक्ट्री के कर्मचारी शराब निकासी प्रपत्र पीडी-25 लेकर जब मेरे पास आते थे तो मैं निर्देशानुसार हस्ताक्षर बना देता था। प्रकरण से सम्बन्धित पीडी-25 पर एक मार्च 2021 को मैंने अपने घर पर मंगाकर हस्ताक्षर किया था।
एसएसपी ने बताया कि इससे पहले मनोज फैक्ट्री मालिक प्रणय अनेजा उसके पार्टनर मनोज जायसवाल, अजय जायसवाल को गिरफ्तारी हो चुकी है। अमरोहा में तैनात एक सीओ की भूमिका भी संदिग्ध मिली, जिसमे बरेली रेंज के आईजी रमित शर्मा भी अपने स्तर से रेंज के चारों जिलों में जांच करवा रहे हैं।
इस मामले में कई सफेदपोश और बड़े ब्यूरोक्रेट शामिल हैं। एसआईटी इस प्रकरण की जांच कर रही है। बरेली की एक एनजीओ की संचालिका भी जांच के घेरे में है। वो बरेली की नीरा राडिया के नाम से प्रसिद्ध है। नीरा राडिया के भी शराब माफियाओं और बड़े-बड़े अफसरों से अच्छे सम्बंध है।