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गोचर भूमि पर भी अवैध कब्जों की पड़ताल कर कार्रवाई की जाए : सीएम योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के समक्ष आज यहां शास्त्री भवन में ग्राम्य विकास सेक्टर का प्रस्तुतीकरण किया गया। इसके अन्तर्गत 05 विभागों-ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, राजस्व, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा तथा  नमामि गंगे एवं जलापूर्ति विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण किए गए।

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि बीडीओ/तहसीलदार/एसडीएम अपने तैनाती स्थल पर ही रात्रि निवास करें, जिससे जनहित की विभिन्न योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जा सके। उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग ने गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन में अभूतपूर्व कार्य किया है। ग्राम्य विकास विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं आवास, पेयजल, सम्पर्क मार्ग, ग्रामीण हाट और टेक होम राशन प्लांट आदि के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है। वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मनरेगा के माध्यम से सर्वाधिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर रहा है। साथ ही, कोरोना काल के इन वित्तीय वर्षाें में मनरेगा में प्रदेश में धनराशि के उपयोग में भी 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जो देश में सर्वाधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के जरिए प्रत्येक जनपद में दो हाईटेक नर्सरी की स्थापना का कार्य सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक नर्सरी से 15 लाख पौधे तैयार होंगे। बरसात के पहले सभी नालों को डी-सिल्ट कर लें। इस कार्य में मनरेगा से आवश्यकतानुसार सहयोग लिया जाए। गांवों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था भी की जाए। अगले सौ दिनों में मनरेगा से नदियों का पुनरुद्धार कार्य किया जाए और आवश्यकतानुसार पौधरोपण भी किया जाए। अगले दो वर्षों में 15 हजार खेल के मैदानों का निर्माण और 30 हजार तालाबों के गहरीकरण/पुनरुद्धार का लक्ष्य लेकर कार्य किया जाए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्पूर्ण परिवार सर्वेक्षण के तहत प्रत्येक परिवार के सभी सदस्यों की आजीविका के स्रोत/माध्यम एवं सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होने की स्थिति आदि का सर्वेक्षण किया जाए। इस सर्वेक्षण के आधार पर आकांक्षी परिवारों के लिए विशेष प्रयास किए जा सकेंगे। यह सर्वेक्षण आगामी छः माह में करा लिया जाए। उन्होंने कहा कि आवेदन के 15 दिनों के अंदर जाति प्रमाण पत्र मिलना सुनिश्चित कराएं। इसी प्रकार, नवजात शिशुओं के लिए जन्म प्रमाण पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र वितरण करने की व्यवस्था भी की जाए। हर जनपद में कम से कम दो ग्राम पंचायतों को समस्त मूलभूत सुविधाओं व विकास कार्यों से संतृप्त करते हुए मॉडल ग्राम पंचायतों के रूप में विकसित किया जाए। भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ बिना भेदभाव के कठोरतम कार्रवाई की जाए। गांवों में यह बड़े विवाद का कारक है, इससे कड़ाई के साथ निपटा जाए। गोचर भूमि पर भी अवैध कब्जों की पड़ताल कर कार्रवाई की जाए। ऐसी भूमि पर वृक्षारोपण कार्य एवं चारागाह बनाने के कार्य किए जाएं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील प्रशासन को जिम्मेदार, पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त करने तथा भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त करने के लिए पृथक पोर्टल विकसित किया जाए। इसके तहत, 50 अधिकारियों का एक पैनल बनाएं, जो भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच करें। सभी प्रकार के सर्टिफिकेट व वाद दायर करने की ऑनलाइन व्यवस्था की जाए। अभियान चलाकर निर्विवाद वरासत के सभी मामलों में वरासत दर्ज करायी जाए। पैमाइश के लिये ई-फाइलिंग की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि आगामी दो वर्षों में कम से कम 30 हजार महिला मेटो को चयनित और प्रशिक्षित कर मनरेगा कार्यों से सम्बद्ध किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर बेघर को घर उपलब्ध कराने की दिशा में 13 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और डेढ़ लाख परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आच्छादित करने की दिशा में प्रयास किए जाएं। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत देश में पहली बार कोरोना काल में दो साल पहले मई, 2020 में प्रदेश की 58 हजार ग्राम पंचायतों में बी0सी0 सखी नियुक्त करने की घोषणा की गई थी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में इनके द्वारा अब तक 2200 करोड़ रुपए से अधिक का ट्रान्जेक्शन किया गया है और 5.82 करोड़ रुपए से अधिक का कमीशन अर्जित किया गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अवंतीबाई लोधी स्वयं सहायता समूह योजना के अंतर्गत आगामी छह माह में 01 लाख नए स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाए। पांच साल में हमें साढ़े पांच लाख स्वयं सहायता समूहों के गठन के लक्ष्य को प्राप्त करना है। पांच हजार स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 50 हजार महिलाओं को एस0एच0जी0 क्रेडिट कार्ड (एक करोड़) उपलब्ध कराते हुए बैंकों से समन्वय स्थापित कर ऋण उपलब्ध कराया जाए। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के परिवारों में कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार या स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं। आगामी सौ दिनों में 200 टेक होम राशन प्लांट की स्थापना और छह सौ विकास खंडों में पुष्टाहार की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले सौ दिनों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 5000 कि0मी0 मार्गों का निर्माण और 2800 कि0मी0 सड़कों का पीरियोडिक रिन्यूवल कार्य पूरा किया जाए। आगामी 100 दिनों में सभी ग्राम सचिवालयों की शत-प्रतिशत क्रियाशीलता और उनमें ऑनलाइन उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। पंचायत सचिवों की क्लस्टर के अनुसार तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि हर गांव में एक आंगनबाड़ी केंद्र जरूर हो। सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव की अच्छी व्यवस्था हो। गांवों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक चुनौती है। इसे कम्पोस्ट के रूप में प्रसंस्कृत करने के प्रयास हों। उन्होंने गांव में ड्रेनेज प्रणाली को बेहतर करने की जरूरत पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौ दिनों में ग्राम सचिवालय में कॉमन सर्विस सेन्टर (सी0एस0सी0) की सह-स्थापना संबंधी निर्देश जारी किया जाए। पंचायत भवन में सी0एस0सी0 के 750 अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए ग्राम पंचायतों का चयन और धनराशि जारी की जाए। प्रत्येक ग्राम पंचायत में ‘अमृत सरोवर’ का विकास किया जाए। छः माह में जनपद बलिया में निर्मित क्षेत्रीय पंचायत रिसोर्स सेन्टर को क्रियाशील बनाया जाए। उन्होंने कहा कि छः माह के भीतर 1.50 लाख इज्जत घरों का निर्माण किया जाए। ओ0डी0एफ0 प्लस ग्राम योजना के अनुरूप 5,000 ग्रामों में कार्य शुरू किया जाए। नवाचार एवं उत्कृष्ट कार्य करने के लिए ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म का क्रियान्वयन किया जाए। पंचायत प्रतिनिधियों का एक्सपोजर विजिट कराएं।

प्रस्तुतीकरण के उपरान्त मंत्रिमण्डल के सदस्यों द्वारा अपने सुझाव भी दिए गए। ग्राम्य विकास सेक्टर के अन्तर्गत अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ने ग्राम्य विकास विभाग, पंचायतीराज विभाग एवं राजस्व विभाग, प्रमुख सचिव ग्रामीण अभियंत्रण सेवा कल्पना अवस्थी ने ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग, प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव ने नमामि गंगे एवं जलापूर्ति विभाग का प्रस्तुतीकरण किया।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक सहित मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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