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प्रदेश में 20 दिनों में 62.5 प्रतिशत कम हुए कोरोना के सक्रिय मामले : योगी

cm yogi

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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के साथ प्रदेशवासियों के जीवन और जीविका की सुरक्षा हेतु किये जा रहे प्रयासों के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं।

एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति के बाद भी नए केस लगातार कम हो रहे हैं, जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। बीते माह 30 अप्रैल को प्रदेश में लगभग 03 लाख 10 हजार 783 कोरोना मरीज थे, जबकि लगातार प्रयासों से आज 1,16,434 एक्टिव केस ही हैं। 20 दिनों में प्रदेश के एक्टिव केस में 62.5 फीसदी की कमी आई है, जबकि वर्तमान में रिकवरी दर 91.8 फीसदी हो गई है।

उन्होंने कहा कि अब तक 15,16,508 प्रदेशवासी कोविड की लड़ाई जीत कर आरोग्यता प्राप्त कर चुके हैं। 24 अप्रैल को एक दिन में 38055 नए संक्रमण के मामले मिले थे, लेकिन लगातार प्रयासों से संक्रमण की तीव्रता मंद हुई है। इनमें बीते 24 घंटों में 6725 नए केस आये हैं जो कि 24 अप्रैल के सापेक्ष 31330 कम हैं। 24 घंटे में 13590 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए हैं। वह गुरुवार को टीम-9 के साथ प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर चर्चा कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति के अनुरूप विगत 24 घंटों में प्रदेश में 2 लाख 91 हजार 156 टेस्ट किए गए। गांवों को कोरोना से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से संचालित वृहद टेस्टिंग अभियान के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। आरआरटी की संख्या और बढ़ाये जाने की दिशा में काम किया जाए। प्रयोगशालाओं की टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाये जाने की कार्यवाही तेज की जाए। सर्वाधिक टेस्ट करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश ही है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हर एक मृत्यु दुःखद है और राज्य सरकार की संवेदनाएं प्रत्येक कर्मचारी व उसके परिजनों के प्रति हैं। चुनाव ड्यूटी करने वाले जिन शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सेवकों, पुलिस कर्मियों व प्रत्येक वह कर्मचारी, जिसकी इलेक्शन ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई अथवा जो उस दौरान कोरोना से संक्रमित हुआ और बाद में मृत्यु हो गई, राज्य सरकार, राज्य इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइंस के नियमानुसार उनके परिवार को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के सम्बन्ध राज्य चुनाव आयोग की संस्तुतियों पर कार्रवाई करती है। चूंकि चुनाव आयोग की गाइडलाइंस पुरानी है तब कोरोना नहीं था। अतः इस संबंध में नए सिरे से सहानुभुतिपूर्वक विचार की आवश्यकता है।

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