रेणुकास्वामी हत्याकांड में आरोपी कन्नड़ एक्टर दर्शन थुगुदीपा (Darshan Thoogudeepa) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक्टर की बेल कैंसिल कर दी है। जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि इसमें कई खामियां हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रेणुकास्वामी हत्याकांड में अभिनेता दर्शन (Darshan Thoogudeepa) , उनकी प्रेमिका पवित्रा गौड़ा और पाँच अन्य – लक्ष्मण, नागराज, प्रदोष, अनु कुमार और जगदीश को दी गई ज़मानत को रद्द करते हुए कहा कि लोकप्रियता चाहे जो भी हो, सभी व्यक्ति कानून के सामने समान हैं। कोर्ट ने अधिकारियों को दर्शन और अन्य आरोपियों को तुरंत हिरासत में लेने का निर्देश दिया और मुकदमे की सुनवाई शीघ्रता से करने का आदेश दिया।
पीठ ने कहा, “हमने हर चीज पर विचार किया। जमानत देने और उसे रद्द करने पर भी। यह स्पष्ट है कि हाई कोर्ट के आदेश में गंभीर खामियां हैं, बल्कि यह एक यांत्रिक प्रक्रिया को दर्शाता है और इसके अलावा, हाई कोर्ट ने पूर्व-परीक्षण चरण में ही जांच की।” कोर्ट ने कहा, “निचली अदालत ही उपयुक्त मंच है। पुख्ता आरोपों और फोरेंसिक साक्ष्यों के साथ, ज़मानत रद्द करने की पुष्टि होती है। याचिकाकर्ता की ज़मानत रद्द की जाती है।” आरोपी को पहले कर्नाटक हाई कोर्ट से ज़मानत मिल चुकी थी।
दर्शन की ज़मानत रद्द करने की कर्नाटक सरकार की याचिका पर बहस करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वकील अनिल निशानी ने मीडिया से कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं हो सकता है, लेकिन समाज इसे गंभीरता से लेगा।”
गौरतलब है कि दर्शन उन 17 लोगों में शामिल थे जिन्हें अपने 33 वर्षीय प्रशंसक एस रेणुकास्वामी का कथित तौर पर अपहरण, यातना और हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। रेणुकास्वामी ने कथित तौर पर दर्शन (Darshan Thoogudeepa) की प्रेमिका, अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा को अश्लील संदेश भेजे थे। पुलिस के अनुसार, पीड़ित को जून 2024 में बेंगलुरु के एक शेड में तीन दिनों तक रखा गया, प्रताड़ित किया गया और बाद में उसका शव एक नाले से बरामद किया गया।