देहरादून। उत्तराखंड के एक छोटे गांव से मायानगर मुंबई में अपने अभिनय के बलबूते पहचान बनाने वाले अभिनेता विश्वमोहन बडोला का निधन हो गया है। वे 84 वर्ष के थे। पौड़ी के ठठोली गांव में जन्मे फिल्म अभिनेता एवं वरिष्ठ पत्रकार विश्वमोहन बडोला ने सोमवार को मुंबई में अंतिम सांस ली।
विश्वमोहन बडोला ने अक्षय कुमार की फिल्म जॉली एलएलबी-2 में एक यादगार रोल निभाया था। इसके अलावा उन्होंने स्वदेश, जोधा अकबर और मुन्ना भाई एमबीबीएस सहित कई फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ी थी। उनका जन्म 1936 में पौड़ी के विकासखंड ढांगू के ठठोली गांव में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा के बाद 1962 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में बीए ऑनर्स किया। इसके बाद वे वॉयस ऑफ अमेरिका रेडियो से जुड़े।
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1965 से 1993 तक विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं और दूरदर्शन के जरिए पत्रकारिता से जुड़े रहे। बडोला साउथ एशिया के देशों के समाचार विशेषज्ञ माने जाते थे। उन्होंने अमेरिका, मिस्र, सीरिया, मेक्सिको, अर्जेंटीना, पेरू, जर्मनी, स्विटजरलैंड, हंगरी, चेकोस्लोवाकिया, बांग्लादेश, श्रीलंका, रूस, जापान, पाकिस्तान और नेपाल आदि देशों की रिपोर्टिंग के लिए यात्राएं की। उनके बड़े बेटे वरुण बडोला भी चर्चित फिल्म अभिनेता हैं। बेटा वरुण, बेटी अलका और कालिंदी सहित उनकी तीन संतानें हैं। उनके निधन के बाद बॉलीवुड ही नहीं, उत्तराखंड सिनेमा और साहित्य जगत में शोक की लहर है।
एक्टर वरुण बडोला ने पिता विश्वमोहन बडोला को याद करते हुए सोशल मीडिया पर भावुक नोट लिखकर श्रद्धांजलि दी है। इंस्टाग्राम पर वरुण ने लिखा, तमाम लोग यह शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे उनकी नहीं सुनते। कई लोग यह बात भूल जाते हैं कि बच्चे उन्हें देख रहे हैं। मेरे पिता ने कभी मुझे बिठाकर कुछ नहीं सिखाया। उन्होंने मुझे सिखाने के लिए जीवन जीया। उन्होंने ऐसी मिसाल पेश की कि मेरे सामने उसे मानने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं था।