आगरा। अधिकारियों व कर्मचारियों की दलालों के गैंग से लगातार झूठी शिकायतें उच्चाधिकारियों को प्रेषित कराकर मानसिक उत्पीडऩ करने से नाराज आगरा विकास प्राधिकरण कर्मचारी संघ (ADA Association ) ने व्यवस्था को सुचारू करने के लिए एडीए के उपाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है। मामले की जाँच सचिव एडीए को सौंपी गई है।
एडीए कर्मचारी संघ (ADA Association ) की ओर से उपाध्यक्ष को दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि बीते दिनों से आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों, कर्मचारियों व अभियंताओं की झूठी शिकायतें अनेक माध्यमों से हो रही हैं एवं भविष्य में भी इस प्रकार की शिकायतें प्राप्त होने की संभावना है। शिकायतकर्ता को सुनवाई के लिए बुलाये जाने पर वह उपस्थित नहीं होते हैं लेकिन अनर्गल शिकायतों के कारण प्राधिकरण की कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है एवं प्राधिकरण का वातावरण तनावपूर्ण रहता है। इन झूठी शिकायतों से प्राधिकरण की गरिमा धूमिल करना एकमात्र उद्देश्य है।
अध्यक्ष के ज्ञापन में कहा गया कि तत्कालीन उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र पैंसिया द्वारा प्रशासनिक एवं प्राधिकरण के हित में कठोर निर्णय लेते हुए 9 दलालों व 2 कथित पत्रकारों का प्राधिकरण में प्रवेश प्रतिबंधित किया गया था एवं कुछ ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड भी किया गया साथ ही कतिपय अधिकारियों, कर्मचारियों, अभियंताओं के पटल भी परिवर्तित किये गये थे एवं सम्पत्ति के प्रकरणों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। विवेचना के आधार पर चार दलाल एवं प्राधिकरण के एक कर्मी को जेल भी भेजा गया।
इन्हीं तत्वों द्वारा छदम नामों से प्राधिकरण के कर्मचारियों, अधिकारियों के विरूद्ध झूठी शिकायतें कराई जा रही हैं। इनका एकमात्र उद्देश्य ब्लैकमेलिंग व प्राधिकरण के सकारात्मक प्रयासों को हतोत्साहित करना है। माँग की है कि शिकायतकर्ता को सुनवाई एवं साक्ष्य का अवसर प्राप्त करते हुए नियमानुसार शिकायतों के निस्तारण की व्यवस्था की जाये ताकि प्राधिकरण के अधिकारियों व कर्मचारियों का मनोबल बढ़े और सभी कार्य सुचारू ढँग से सम्पादित हों।
एडीए के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र पैंसिया पर दलालों का षडयंत्र
उधर बहुसंख्यक फर्जी शिकायतों को लेकर प्राधिकरण के कर्मचारियों ने शासन को भी पत्र लिखकर यही माँग की है जिनमें अधिशासी अभियंता पूरन कुमार, सहायक अभियंता सतीश कुमार, पथ कर निरीक्षक इन्द्रपाल सिंह, सहायक अभियंता सुधांशु शर्मा, ब्रजेश शुक्ला, व्यैक्तिक सहायक राजेन्द्र सिंह, केपी शर्मा, लेखाकार राकेश कुमार गौतम, आशीष द्विवेदी, लिपिक विवेक भारती, दुष्यन्त शर्मा, राजकपूर, अवर अभियंता, अर्दली धर्मपाल, आउटसोर्स कर्मी योगेश, शिवम सिंह, सौरभ, रमेश ढल, सौरभ ढल आदि के हस्ताक्षर हैं। इस मामले में शासन के सचिव जसजीत सिंह ने भी शिकायती पत्रों के निस्तारण के लिए समान प्रक्रिया अपनाई जाने के निर्देश दिये हैं।
दलाल हीरालाल अग्रवाल की जमानत खारिज
आगरा विकास प्राधिकरण के ब्लैक लिस्टेड एवं कुख्यात दलाल खंदारी निवासी हीरालाल अग्रवाल की जनपद एवं सत्र न्यायालय ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त की गिरफ्तारी के समय उसके कब्जे से एडीए की 28 मोहरें व 48 पत्रावलियाँ बरामद हुईं जिनके सत्यापन की कार्रवाई प्रचलित है। अपराध की प्रकृति अत्यन्त गंभीर है। जमानत याचिका पर उपलब्ध तथ्यों एवं साक्ष्य व अपराध की गंभीरता के चलते जमानत के पर्याप्त आधार नहीं हैं।