लखनऊ। चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट लखनऊ की देखरेख का काम नवंबर माह से अडाणी ग्रुप करने जा रहा है। केंद्र सरकार और अडाणी ग्रुप के बीच हुए करार के मुताबिक 2 नवंबर 2020 के अगले 50 सालों तक वह इसकी देखरेख करता रहेगा। लखनऊ एयरपोर्ट के अलावा 31 अक्टूबर से अडाणी ग्रुप मंगलुरू एयरपोर्ट और 7 नवंबर से अहमदाबाद एयरपोर्ट का संचालन, प्रबंधन और डेवलपमेंट का काम देखना शुरू करेगी।
यूपी बीएड काउंसलिंग की नई तिथि घोषित, जानें कब शुरू होगा नया सत्र?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसके लिए अडाणी अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, अडाणी लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और अडाणी मंगलुरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के साथ मोमेरेंडा ऑफ अंडरस्टेंडिंग पर हस्ताक्षर किया है।
करार में इन बातों का है उल्लेख
केंद्र सरकार और अडाणी ग्रुप के बीच हुए एमओयू करार में सेवा क्षेत्र के प्रावधानों का जिक्र किया गया है। जिसमें कस्टम्स, इम्मीग्रेशन, प्लांट और एनिमल क्वारंटीन, स्वास्थ्य, एमईटी और सिक्युरिटी का जिम्मा एएआई के पास होगा। इसके अलावा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अलग से सीएनएस-एटीएम सेवाओं को लेकर अडानी ग्रुप से करार किया है। इन तीनों एयरपोर्ट की देखभाल अडानी ग्रुप पीपीपी मॉडल के तहत करेगी।
लखनऊ, मंगलौर और अहमदाबाद को निजी हाथों में सौंपने का फैसला 14 फरवरी 2020 को किया गया था। केंद्र सरकार ने इन तीनों एयरपोर्ट्स के संचालन और प्रबंधन के लिए अडानी ग्रुप के साथ करार किया था। इसके अलावा गुवाहाटी, तिरुवंतपुरम और जयपुर एयरपोर्ट को भी निजी हाथों में सौंपने का फैसला मोदी सरकार ने लिया था।