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चर्चित शराबकांड मामले में एडिशनल एसपी, डिप्टी एसपी समेत दो थानाध्यक्ष निलंबित

poisonous liquor

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प्रतापगढ़। शराब माफिया से कनेक्शन के मामले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। चर्चित शराब कांड में हाई लेवल पर कराई गई गोपनीय जांच में माफियाओं और पुलिस अधिकारियों के बीच गठजोड़ का खुलासा हुआ है। गोपनीय जांच में खुलासा हुआ है कि कुंडा और हथिगवां थाने के पुलिस वालों की सीधे तौर शराब माफियाओं से मिलीभगत थी।

इसके अलावा इंस्पेक्टर- सीओ और एडिशनल एसपी रैंक तक के पुलिस अधिकारी भी इन माफियाओं को संरक्षण देते थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन कार्रवाई करते  हुए एडिशनल एसपी प्रतापगढ़ दिनेश त्रिवेदी, डिप्टी एसपी कुंडा जितेंद्र सिंह परिहार समेत कुंडा थाने के इंचार्ज डीपी सिंह और हथिवांव थाने के प्रभारी रहे उदय त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है। एडिशनल एसपी वेस्ट दिनेश त्रिवेदी लगभग डेढ़ साल से तैनात थे, तो वहीं सीओ कुंडा जितेंद्र सिंह परिहार करीब 2 सालों से तैनात थे। इंस्पेक्टर कुंडा डीपी सिंह को भी एक साल से ज्यादा वक्त हो चुका था।

बताते चलें प्रतापगढ़ के चर्चित शराब कांड में हाई लेवल पर कराई गई गोपनीय जांच में माफियाओं और पुलिस अधिकारियों के बीच गठजोड़ का खुलासा हुआ है। जांच में कुंडा और हथिगवां थाने के पुलिस वालों की सीधे तौर शराब माफियाओं से मिलीभगत का मामला सामने आया है।  पुलिस के संरक्षण में अवैध शराब बनाने का गोरखधंधा जमकर फल फूल रहा था। 2 थानों के पुलिस वालों के साथ ही कई बड़े अधिकारी भी इस पूरे मामले में शामिल थे। कई मौजूदा पुलिस अफसरों के साथ ही कुछ रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भी शराब माफियाओं का खुलकर साथ देते थे।  इसके अलावा इंस्पेक्टर- सीओ और एडिशनल एसपी रैंक तक के पुलिस अधिकारी भी इन माफियाओं को संरक्षण देते थे।

हर महीने हिस्सा मिलने की भी बात आयी सामने

संरक्षण देने के बदले में इन पुलिसवालों को हर महीने हिस्सा मिलता था। पैसों के साथ ही गाड़ी और अन्य सुविधाओं का भी उपयोग करते थे। सरकार से तनख्वाह लेने के बावजूद माफियाओं के लिए काम करने का आरोप है। जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन से तमाम पुलिस वालों को हटाए जाने और सस्पेंड कर इनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की सिफारिश की गई है।

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शासन से हुई थी कार्रवाई की सिफारिश

एडिशनल एसपी दिनेश त्रिवेदी को हटाए जाने की सिफारिश के साथ-साथ सीओ कुंडा जितेंद्र सिंह परिहार को भी सस्पेंड किए जाने और कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। कुंडा थाने के इंचार्ज डीपी सिंह और हथिवांव थाने के प्रभारी रहे उदय त्रिपाठी के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। इतना ही नहीं मामले में कई सिपाहियों और दारोगा के खिलाफ भी कार्रवाई होने की बात कही गयी थी। पुलिस के कुछ रिटायर्ड अफसरों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में रहने वाले एक रिटायर्ड डिप्टी एसपी के भी गोरखधंधे में शामिल होने का खुलासा हुआ है। इसी रिटायर्ड अफसर पर शराब माफियाओं को छिपाने का शक है।

पुलिस की पकड़ से दूर हैं शराब माफिया

शराब माफिया के तौर पर बदनाम दोनों मुख्य आरोपी संजय सिंह उर्फ गुड्डू और सुधाकर सिंह अब भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।  पुलिस वालों पर ही इन्हें बचाने और छिपाने का आरोप लगा है। प्रयागराज जोन के एडीजी प्रेम प्रकाश और रेंज के आईजी केपी सिंह ने 3 दिन पहले गोपनीय सूचना के आधार पर दोनों माफियाओं के ठिकानों छापेमारी कर की थी।  ये कार्रवाई प्रतापगढ़ के कुंडा और हथिगवां इलाके में की गई थी।

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10 करोड़ की अवैध शराब बरामद

माफिया संजय सिंह उर्फ गुड्डू और सुधाकर सिंह के फार्म हाउस, घर और ट्यूबवेल समेत कई ठिकानों से 10 करोड़ की अवैध शराब बरामद हुई थी। कुंडा और हथिगवां थाना क्षेत्र में अलग-अलग इलाकों से भी शराब की बरामदगी हुई थी। अफसरों की छानबीन में ये सामने आया है कि माफियाओं और पुलिस वालों के गठजोड़ से तैयार शराब की खेप यूपी के कई हिस्सों में भेजी जा चुकी है। पंचायत चुनाव के मद्देनजर करोड़ों की शराब की अलग-अलग खेप कई जिलों में भेजी गई है।

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