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यूपी में बदल गई नर्सिंग कॉलेजों की एडमिशन प्रक्रिया, अब ऐसे मिलेगा दाखिला

government nursing colleges

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लखनऊ। प्रदेश के नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेजों (Nursing and Paramedical Colleges) में चल रहे जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) कोर्स में दाखिला की प्रक्रिया बदल दी गई है। अब प्रवेश परीक्षा के जरिए दाखिला होगा। परीक्षा के बाद मेरिट बनेगी। फिर उसी आधार पर कॉलेज आवंटित किए जाएंगे। प्रदेश के 386 कॉलेजों में 17845 छात्रों को दाखिला मिलेगा।

प्रदेश सरकार की ओर से चिकित्सा शिक्षा के साथ ही नर्सिंग एवं पैरामेडिकल (Nursing and Paramedical Colleges) शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी रणनीति के तहत दो साल से नर्सिंग और पैरामेडिकल के विभिन्न कोर्स में प्रवेश परीक्षा के जरिए दाखिला दिया जा रहा है। अब तीन वर्षीय जीएनएम डिप्लोमा कोर्स में दाखिले के लिए भी भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके लिए शासन की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। निर्देश दिया गया है कि सत्र 2024-25 में जीएनएम में दाखिला आनलाइन केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया के तहत लिया जाए।

परीक्षा कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी को सौंपी गई है। उम्मीद है कि जून माह के पहले सप्ताह में प्रवेश परीक्षा का विवरण जारी कर दिया जाएगा। इसके लिए इंटरमीडिएट उत्तीर्ण छात्रों से आवेदन लिए जाएंगे। इनके परीक्षण के बाद आनलाइन प्रवेश परीक्षा कराई जाएगी। परीक्षा एजेंसी चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस पर भी विचार किया जा रहा है कि परीक्षा कराने की जिम्मेदारी अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय को सौंपी जाए अथवा अन्य किसी चिकित्सा संस्थान को। क्योंकि नर्सिंग और पैरामेडिकल की प्रवेश परीक्षा अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय कराता रहा है।

क्या होगा फायदा

आनलाइन केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया अपनाने से प्रतिभावान छात्र-छात्राएं कोर्स में दाखिला पा सकेंगे। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। कॉलेजों की मनमानी रुकेगी। धनबल के आधार पर मनचाहे लोगों को कोर्स में दाखिला नहीं मिल पाएगा।

अभी तक क्या थी व्यवस्था

प्रदेश के विभिन्न नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेजों (Nursing and Paramedical Colleges) में जीएनएम डिप्लोमा पाठ्यक्रम चल रहा है। अभी तक संबंधित कॉलेज प्रशासन की ओर से अपने स्तर पर दाखिला लिया जाता था। सूत्रों की मानें तो लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कॉलेजों की ओर से मेरिट की अनदेखी करते हुए मनमानी तरीके से दाखिले लिए जाते हैं। परीक्षा के अंतिम समय तक छात्रों का पंजीयन कर परीक्षा कराई जाती थी। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे थे।

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कोर्स की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शासन की ओर से आनलाइन केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया अपनाने का निर्देश दिया गया है। जल्द ही प्रवेश परीक्षा से संबंधित विस्तृत विवरण जारी किया जाएगा।- प्रो आलोक कुमार, सचिव, उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी।

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