लाइफ़स्टाइल डेस्क। क्रोनिक पेन (शरीर में कई हफ्तों से होने वाले दर्द, जिससे रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित होने लगे) में पेरासिटामोल (Paracetamol), आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) और एस्पिरिन (Aspirin) जैसे दवाइंया लेना नुकसानदायक साबित हो सकता है। ये बात ब्रिटेन सरकार के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कही है। ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस (NICE) ने नई गाइडलाइन ड्राफ्ट की है और डॉक्टरों से ये अपील की है कि क्रोनिक पेन के मरीजों को ये दवा ना दी जाए।
NICE के मुताबिक, इन दवाओं से मरीज का स्वास्थ्य बेहतर होने और इनके दर्द या मानसिक समस्या कम करने को लेकर ना के बराबर सबूत मिले हैं। लेकिन इस बात के साक्ष्य जरूर मिले हैं कि ये दवाएं नुकसान साबित हो सकती हैं, जैसे मरीजों को इन दवाओं की लत लग सकती है।
ब्रिटेन की एक तिहाई से लेकर आधी आबादी तक के क्रोनिक पेन से प्रभावित होने का आकलन किया गया है। इनमें से आधे लोग डिप्रेशन की चपेट में भी आ रहे हैं और इनमें से दो तिहाई ऐसे हैं जो इसकी वजह से काम करने में असमर्थ रहे हैं। NICE की गाइडलाइन के मुताबिक, मुख्य तौर से क्रोनिक पेन से जूझ रहे लोगों को कुछ Antidepressants दी जा सकती हैं।
NICE की तरफ से ड्राफ्ट की गईं नई गाइडलाइन के मुताबिक, पेरासिटामोल वाली दवाइयां, जैसे एस्पिरिन, आइबूप्रोफेन, Benzodiazepines या Opioids मरीजों को नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इनके मददगार होने के सबूत नहीं पाए गए हैं। NICE के सेंटर फॉर गाइडलाइंस के डायरेक्टर पॉल क्रिस्प के मुताबिक, सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि क्रोनिक पेन किस तरह से व्यक्ति की लाइफ को प्रभावित कर रही है। इसी के आधार पर बेहतर केयर प्लान तय किया जा सकता है।