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19 साल बाद शारदीय नवरात्र पर बन रहा है दुर्लभ संयोग

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शारदीय नावरात्र

धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में नवरात्र का बहुत अधिक महत्व है। अश्विन माह में पड़ने वाले नवरात्र को शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है। हर साल 2 मुख्य नवरात्र के अलावा गुप्त नवरात्र भी होती है।  हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल पितृपक्ष की समाप्ति के साथ नवरात्र प्रारम्भ हो जाते है। लेकिन इस साल मलमास पड़ने के कारण नवरात्र 1 माह देरी से शुरू हो रहे हैं। इस बार नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं।  इस नवरात्र में शुभ संयोग भी बन रहा है।

नवरात्र के दिन बन रहे है शुभ संयोग

पंडितों के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्र सर्वार्थसिद्ध योग के साथ शुरू हो रहे हैं। ये योग 17 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 52 मिनट से 18 अक्टूबर सुबह 6 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही दूसरे दिन त्रिपुष्कर योग भी रहेगा।

अश्विन मास में एक माह का मलमास रहा और नवरात्र प्रारंभ होना काफी अच्छा संयोग माना जा रहा है। ऐसा संयोग 19 साल बाद पड़ रहा है। साल 2001 में भी शारदीय नवरात्र अधिक मास के बाद पड़ी थी। इसीलिए इस साल चातुर्मास 5 माह का पड़ा है। जबकि हर साल 4 माह का होता है। चतुर्मास 25 नवंबर को समाप्त हो जाएंगे।

इस साल घोड़े में सवार होकर आएंगी मां दुर्गा

शनिवार के दिन नवरात्र का पहला दिन पड़ने के कारण मां दुर्गा घोड़े की सवार होकर आएंगी। देवी भागवत पुराण के अनुसार, जब मां दुर्गा नवरात्र पर घोड़े की सवारी होकर आती हैं तब पड़ोसी से युद्ध, गृह युद्ध, आंधी-तूफान और सत्ता में उथल-पुथल जैसी गतिविधियां बढ़ने की आशंकाएं रहती हैं।

कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 58 मिनट से लेकर 9 बजे तक है।

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