आकाश हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने 22 घंटे बाद एक शख्स के कटे हुए अंगूठे को फिर से जोड़कर नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है। दरअसल दुबई में काम करने वाले संदीप कुमार अपना कटा हुआ अंगूठा लेकर दुबई से दिल्ली आए और इस दौरान उनका 300 ml खून बह चुका था। बावजूद इसके डॉक्टरों ने चमत्कार कर दिखाया।
राजस्थान के रहने वाले संदीप कुमार अच्छी नौकरी के लिए दुबई गए थे। वहां पर वो कारपेंटर का काम करने लगे। काम करते-करते अचानक उनका अंगूठा हाथ से अलग हो गया। साथियों ने तुरंत ही संदीप को नजदीक के अस्पताल में पहुंचाया। डॉक्टरों ने सलाह दी कि अंगूठे को जोड़ने के लिए 4 घंटे के अंदर सर्जरी करनी होगी और इसमें करीब 24 लाख का खर्चा आएगा। इतना महंगा इलाज संदीप के लिए नामुमकिन था। इसके बाद उसके परिजनों ने भारत में ऑपरेशन कराने का निर्णय लिया। लेकिन यहां इस सर्जरी का खर्च 3 लाख 65 हजार रुपये आया।
18 घंटे के सफर के बाद संदीप दिल्ली के आकाश हॉस्पिटल पहुंचे, जहां पर डॉक्टरों की एक टीम उनके इलाज के लिए पूरी तरह से तैयार थी। 6 डॉक्टरों की एक टीम ने संदीप का ऑपरेशन शुरू किया और अंगूठे को फिर से जोड़ दिया। डॉक्टर आशीष चौधरी ने बताया कि अंगूठा हमारी हथेली का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। 45 फीसदी इसका इस्तेमाल होता है। उन्होंने बताया कि खून बह जाने के कारण और मरीज के देरी से पहुंचने की वजह से यह सर्जरी काफी मुश्किल थी। ऐसे केसे बहुत ही कम वक्त होते हैं, जहां पर एक लंबा समय बीत जाने के बाद किसी भी अंग को ठीक उसी तरह जोड़ा जाए जैसे वह पहले था।
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डॉक्टर आशीष चौधरी ने बताया कि इस तरह की सर्जरी काफी चैलेंजिंग होती है, क्योंकि इसे करने में छोटे-छोटे इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल होता है। अंगूठे की कटी हुई धमनियों के बीच फोरआर्म से नस के एक हिस्से को भी काटना था। पूरी प्रक्रिया माइक्रोस्कोप की मदद से की गई। डॉ आशीष में बताया कि 6 डॉक्टरों की टीम ने लगातार 6 घंटे तक ऑपरेशन कर सफलता हासिल की। वहीं संदीप कुमार ने बताया कि वो लगभग मान ही चुके थे कि उनका अंगूठा कभी जुड़ नहीं पाएगा। लेकिन डॉक्टरों के विश्वास और मेहनत ने यह कर दिखाया।
कोई अंग कट जाए तो ये करें
डॉक्टर आशीष चौधरी ने बताया कि आम लोगों के लिए यह जानना जरूरी है कि यदि आपके शरीर का कोई भी अंग किसी भी कारण से कट जाए तो उसे बर्फ के अंदर यानी आइस बॉक्स में रखा जाए। इससे उस अंग के यीशु खराब नहीं होते और 24 घंटे के अंदर सर्जरी संभव हो पाती है। साथ ही यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि कटे हुए अंग को बर्फ में डायरेक्ट न रखें। कटे हुए हिस्से को पहले किसी पॉलिथीन में डाल दें और फिर उस पॉलिथीन को आइस बॉक्स में रखें। संदीप ने ऐसा ही किया जिसकी वजह से घटना के 22 घंटे बाद भी उनका अंगूठा उनके हाथ से जुड़ गया।