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हरिशंकर मिश्र हत्याकांड में 6 साल बाद तीन हत्यारोपियों को मिली उम्रकैद की सजा

Imprisonment

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उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जिले के हरिशंकर मिश्रा हत्याकांड में अपर जिला जज विवेक कुमार चौरसिया की अदालत ने तीन दोषियों राजू मिश्रा, दीपू मिश्रा और गिलकानी मिश्रा को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। साथ ही अदालत ने तीनों दोषियों पर 15-15 हजार का अर्थदंड भी लगाया है।

कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस ने तीनों दोषियों को जेल भेज दिया है। छह साल बाद जब कोर्ट का फैसला आया तो मृतक की पत्नी लीलावती ने कहा कि मुझे आज न्याय मिल गया है। मामला असोथर थाना क्षेत्र के छिछनी गांव का है। 27 मई 2015 को पुरानी रंजिश के चलते तीनों दोषियों ने लाठी-डंडे और कुल्हाड़ी से हमला कर हरिशंकर मिश्रा को मौत के घाट उतार दिया था।

आपको बता दें कि असोथर थाना क्षेत्र के छिछनी गांव के रहने वाले हरिशंकर मिश्रा खेतीबाड़ी का काम कर अपने परिवार का भरण पोषण किया करते थे। 27 मई, 2015 की सुबह साढ़े सात बजे वह साइकिल पर भूसा लादकर घर की ओर जा रहे थे। तभी रास्ते में राजू मिश्रा, दीपू मिश्रा और गिलकानी मिश्रा ने उन्हें घेर लिया था। तीनों ने बरछी, कुल्हाड़ी और लाठी से हरिशंकर पर ताबड़तोड़ प्रहार किए।

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जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। परिजन उन्हें लेकर पीएचसी असोथर पहुंचे थे, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। घटना के बाद हरिशंकर की पत्नी लीलावती की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर तीनो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी।

लीलावती अपने पति के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में छह सालों तक पैरवी करती रही। मामला अपर जिला जज विवेक कुमार चौरसिया की अदालत में विचाराधीन था। लीलावती को न्याय दिलाने के लिए जिला शासकीय अधिवक्ता सहदेव गुप्ता और सहायक शासकीय अधिवक्ता कल्पना देवी ने न्यायालय के समक्ष घटना से संबंधित सभी गवाह और साक्ष्य प्रस्तुत किए।

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सभी पक्षों को सुनने के बाद अपर जिला जज विवेक कुमार चौरसिया की अदालत ने तीनों अभियुक्तों राजू, दीपू और गिलकानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने तीनों दोषियों पर 15-15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। जिला शासकीय अधिवक्ता सहदेव गुप्ता ने बताया कि तीनों मुल्जिम हाईकोर्ट से जमानत पर थे। अदालत से फैसला आते ही तीनों को जेल भेज दिया गया।

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