Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

फर्जी दावा मामले के बाद अब टैक्स चोरों से निपटने के लिए बनी नई व्यवस्था

नई दिल्ली। आयकर और जीएसटी की चोरी करने वालों पर नकेल कसने के मकसद से दोनों विभागों के आंकड़ों को एक दूसरे के साथ साझा किया जाएगा। मामले से जुड़े अधिकारी ने हिन्दुस्तान को बताया है कि इस पहल से न सिर्फ टैक्स विभाग की कमाई बढ़ेगी बल्कि जीएसटी में फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट वसूलने वालों पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। हिन्दुस्तान को मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड सीबीआईसी के बीच हुई नई साझेदारी के बाद से करदाताओं को जारी किए जाने वाले फॉर्म 26 एएस में उनकी जीएसटी रिटर्न से जुड़ी जानकारियां भी शामिल रहेंगी।

भारत में 1000 रुपये हो सकती है कोरोना वैक्सीन की कीमत : अदार पूनावाला

सूत्रों के मुताबिक विभाग को जांच के दौरान ऐसे कई मामले मिले हैं जिनमें लोगों ने आयकर रिटर्न में बेहद कम रकम भरी हैं लेकिन जीएसटी रिटर्न की जानकारियां कमाई को ज्यादा दिखाती हैं। यही वजह है कि अब टैक्स विभाग ऐसे लोगों को उन पर बनने वाले टैक्स की सारी जानकारी फॉर्म 26 एएस के जरिये दे दिया करेगा ताकि विभाग का ऐसे मामलों को निपटाने में लगने वाला समय भी बचे और लोगों को भी टैक्स देने में आसानी हो।

फर्जी जीएसटी क्लेम पर भी सख्ती

यही नहीं फर्जी जीएसटी क्लेम लेने वालों से परेशान विभाग को भी इस नई व्यवस्था से मदद मिलेगी। पिछले हफ्ते ही फर्जी एक्सपोर्टर्स की तरफ से करीब 2000 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने का मामला सामने आया था। विभाग की जांच में दिए गए पते पर कोई भी कारोबारी मिला ही नहीं। विभाग का मानना है कि नई व्यवस्था से दोनों विभागों के पास करदाताओं का एक बड़ा डाटाबेस होगा जिससे फर्जी जीएसटी रिफंड और टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी।

कैसे काम करेगा सिस्टम?

इस व्यवस्था में कारोबारियों का जीएसटी और आयकर रिटर्न तकनीक के जरिए मैच कराया जाएगा। यही नहीं कंपनियों की वित्तीय जानकारियां, उनका टर्नओवर जैसी चीजें सिस्टम में एक साथ दिख जाएगीं। अभी तक मांगने पर ही इन आंकड़ों की उपलब्धता रहती थी लेकिन अब रियल टाईम ऑटोमेटिक डेटा दोनों विभागों के पास होगा। डेटा एनालिटिक्स के जरिए विभाग रिटर्न की मैचिंग करेगा। गड़बड़ी दिखने पर दोनों विभाग के पास रेड फ्लैग की जानकारी के साथ अलर्ट पहुंच जाया करेगा। ऐसे में चोरी के संकेत मिलते ही जीएसटीएन के पास तत्काल जीएसटी रिफंड रोकने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानि सीबीडीटी और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड सीबीआईसी ने मंगलवार को एक सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य दोनों संगठनों के बीच डेटा का सहज आदान-प्रदान सुनिश्चित करना है। नए करार में डेटा के नियमित आदान-प्रदान के साथ साथ सीबीडीटी और सीबीआईसी अनुरोध किए जाने पर तत्काल अपने संबंधित डेटाबेस में उपलब्ध ऐसी किसी जानकारी का भी एक-दूसरे के साथ आदान-प्रदान करेंगे, जिसकी उपयोगिता दूसरे संगठन के लिए हो सकती है।

भारत में 1000 रुपये हो सकती है कोरोना वैक्सीन की कीमत : अदार पूनावाला

सीबीडीटी के अध्यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी और सीबीआईसी के अध्यक्ष एम. अजीत कुमार ने दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। दोनों संगठन पहले से ही विभिन्न मौजूदा व्यवस्थाओं के माध्यम से आपस में सहयोग कर रहे थे। इस पहल के लिए एक ‘डेटा आदान-प्रदान संचालन समूह’ का भी गठन किया गया है, जो डेटा आदान-प्रदान की स्थिति की समीक्षा करने एवं डेटा साझाकरण व्यवस्था की प्रभावशीलता को और बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर बैठक भी करेगा।

Exit mobile version