उत्तर प्रदेश एमिन अपराधी इतने बेखौफ हो गए है की दिनदहाड़े वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मेरठ से आया है जहां जानी क्षेत्र स्थित बाफर गांव में पूर्व ब्लाक प्रमुख के बेटे की दिनदहाड़े घर के गेट पर गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। हमलावर घर पर आए और चाय नाश्ता करने के बाद युवक को घर के बाहर लाकर चार गोलियां मारीं। वारदात को गांव की रंजिश में अंजाम दिया गया।
जानी के बाफर गांव में स्वर्गीय चंद्रपाल सिंह की पत्नी राजवीरी चौधरी 2015 में ब्लॉक प्रमुख रही हैं। मंगलवार सुबह राजवीरी चौधरी का बेटा विकेंद्र उर्फ गौरी चौधरी अपने घर पर था। सुबह करीब नौ बजे दो युवक विकेंद्र के घर आए। दोनों युवक विकेंद्र के परिचित बताए गए। पूर्व ब्लॉक प्रमुख के घर पर ही इन युवकों ने चाय नाश्ता किया। करीब 9.30 बजे जैसे ही विकेंद्र इन लोगों को गेट तक छोड़ने आया तो दोनों बदमाशों ने पिस्टल से उस पर गोलियां बरसा दीं। घटना का पता लगते ही परिवार और पड़ोसियों ने जैसे ही घेराबंदी की तो आरोपी अपनी बाइक छोड़कर भाग निकले। आरोपियों ने गली में ही दूसरी बाइक खड़ी की हुई थी, जिसे लेकर हमलावर भाग निकले। घायल को अस्पताल लाया गया, जहां विकेंद्र की मौत हो गई।
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हत्या की सूचना पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी, एसपी देहात केशव कुमार, इंस्पेक्टर जानी संजय चौधरी मौके पर पहुंचे। घटना के बाद ग्रामीणों की भीड़ लग गई। पुलिस ने युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। एसपी देहात केशव कुमार और एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने किसी तरह ग्रामीणों व परिजनों को शांत कराया।
कविंद्र की तहरीर पर गांव के विशाल, सागर, धर्मेंद्र, पुष्पेंद्र और मोहित को नामजद करते हुए दो अज्ञात के खिलाफ मुकदमा कराया गया है। कविंद्र ने बताया कि आरोपियों से उनकी रंजिश चल रही है। तहरीर में बताया गया कि सभी आरोपियों ने हमला किया और विकेंद्र को टारगेट कर गोलियां चलाई गईं। एसपी देहात केशव कुमार के अनुसार परिवार की तहरीर पर मुकदमा किया गया है। हत्यारोपियों की बाइक मौके पर छूट गई है, जिसे पुलिस ने कब्जे में लिया है। मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।
विकेंद्र के खिलाफ 11 मुकदमे पुलिस ने बताए हैं। पुलिस का कहना है कि जांच में सामने आया कि बाफर गांव में तीन साल पहले जितेंद्र बाफर की हत्या कर दी गई थी। जितेंद्र की हत्या के मामले में पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजवीरी का बेटा विकेंद्र चौधरी जेल गया था। डेढ़ साल पहले ही वह जमानत पर जेल से बाहर आया था।