ढाका। भारत के पड़ोसियों को साधने में जुटा चीन अब तीस्ता नदी के बहाने बांग्लादेश में पांव पसारने में जुट गया है। दरअसल, चीन ने बांग्लादेश को करीब 7500 करोड़ रुपये (एक अरब डॉलर) का कर्ज देने की बात की है जो तीस्ता नदी के पानी की बेहतर व्यवस्था और सिंचाई परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा।
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नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका को साधने के बाद चीन की निगाह अब बांग्लादेश पर है। तीस्ता उन 54 नदियों में से एक है जो बंगाल की खाड़ी में बहने से पहले बांग्लादेश में जाती है।
तीस्ता बांग्लादेश की चौथी सीमा पार वाली बड़ी नदी है। बांग्लादेश में कम से कम 2.1 करोड़ लोग तीस्ता नदी पर निर्भर हैं। दिसंबर में काम शुरू होने की उम्मीद के साथ चीन नदी प्रबंधन परियोजना के लिए बांग्लादेश की मदद कर रहा है। इस मदद से गर्मी के दिनों में नदी के जलस्तर को बनाए रखने में बांग्लादेश अहम कदम उठा सकेगा।
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यह भी कहा जा रहा है कि जल को लेकर भारत के साथ समझौता नहीं हो पाने के बाद यह आर्थिक मदद कारगर सिद्ध होगा। हालांकि, चिंता की बात यह है कि जिस तीस्ता नदी के प्रोजेक्ट के लिए चीन बांग्लादेश को कर्ज दे रहा है उसकी उत्पत्ति भारत में है। यह नदी बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले सिक्किम और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है।