कानपुर। पीयूष जैन और पंपी जैन के बाद शिखर पान मसाला कंपनी पर भी अब कार्रवाई शुरू हो गई है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस महानिदेशालय अहमदाबाद की टीम ने कानपुर से कंपनी के 2 प्रमुख लोगों अनिल अग्रवाल और पवन मित्तल को उनके ऑफिस से उठाया है। हालांकि अभी तक कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी टीम पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार भी कर सकती है।
पीयूष जैन तक पहुंचने से पहले जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय की टीम शिखर पान मसाला तक पहुंची थी। मगर, पीयूष जैन और कंपनी के बीच कोई लिंक न मिलने से कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी थी। सूत्रों की मानें, तो पीयूष जैन के पास मिले पैसों को लेकर जीएसटी को अहम सुराग हाथ लग चुके हैं। जल्द ही शिखर पान मसाला के एमडी प्रदीप अग्रवाल से भी टीम पूछताछ कर सकती है। बता दें कि करीब 3 महीने पहले अहमदाबाद में फर्जी बिलों के साथ शिखर पान मसाला पकड़ा गया था।
जांच में जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय की विंग को शिखर पान मसाला के खिलाफ टैक्स चोरी के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। सील किए गए दस्तावेजों के माइक्रो आॅडिट में बोगस सेल-परचेज मिलने के बाद रविवार को अहमदाबाद विंग के अधिकारियों ने फिर कानपुर में छापे मारे। बताया जाता है कि अनिल अग्रवाल लायजनर हैं, जबकि पवन मित्तल फैक्टरी सहित सारा कामकाज संभालते हैं। कच्चे-पक्के का हिसाब भी पवन मित्तल के जिम्मे है। पिछले 16 घंटे से दोनों से पूछताछ जारी है।
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सूत्रों के मुताबिक शिखर पान मसाला के मालिक प्रदीप कुमार अग्रवाल से भी जल्द पूछताछ की जाएगी। प्रदीप कुमार अग्रवाल दिल्ली में बैठते हैं और शिखर का कॉपोर्रेट ऑफिस भी दिल्ली में है। इस सिलसिले में जल्द कंपनी के दूसरे निदेशकों पर भी कार्रवाई की तैयारी है। कानपुर से निकलकर शिखर पान मसाला आज देश के पान मसाला ब्रांड्स के टॉप पर है।
10 जुलाई, 1998 को बनी शिखर गुटखा प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक प्रदीप कुमार अग्रवाल और दीपक अग्रवाल हैं। इसकी अथराइज्ड शेयर कैपिटल वैल्यू 5 लाख रुपए है। पेड अप वैल्यू केवल 1 लाख 2 हजार रुपए है। बताया जाता है कि शिखर समूह का कारोबारी साम्राज्य करीब 50 हजार करोड़ रुपए का है। पान मसाले के अलावा रीयल इस्टेट और हास्पिटैलिटी सेक्टर में भी समूह का निवेश है।