उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में राजनीतिक गुटबंदी के कारण कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और पार्टी की सदस्यता से ब्रह्म स्वरूप सागर के इस्तीफा देने के बाद जिला कांग्रेस में अहम पदों पर बिठाए गए उनकी टीम के अन्य सदस्यों ने भी बुधवार को पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। उनके इस कदम से जनपद में पहले से कमजोर जिला कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा चरमरा गया है।
कांग्रेस से किनारा करने वालों में कांग्रेस के पुवायां विधानसभा क्षेत्र प्रभारी रहे दिनेश कुमार, प्रदेश सचिव अमित प्रियदर्शी राजपूत, जिला उपाध्यक्ष जैनेंद्र कुमार गौतम, जिला सचिव देवव्रत सिंह गोरे, भावलखेड़ा ब्लॉक प्रभारी हरिओम सिंह, जलालाबाद ब्लॉक प्रभारी रावेंद्र सिंह, रोजा इकाई के नगर महासचिव विनोद कुमार और शहर कांग्रेस कमेटी से जुड़े रहे विपुल प्रसाद, मोहित गुप्ता, विपिन तिवारी और सुनील कुमार गौतम शामिल हैं। इन सभी ने सामूहिक त्यागपत्र में कांग्रेस नेतृत्व पर तीखे तंज कसते हुए ब्रह्म स्वरूप के नेतृत्व को स्वीकार करने की घोषणा की है।
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सामूहिक त्याग पत्र में कहा गया है कि ब्रह्म स्वरूप को राजनीतिक गुटबंदी के कारण अपने पद से त्याग पत्र देने को बाध्य होना पड़ा है। इससे उनके सम्मान को ठेस पहुंची है। इससे वह सभी क्षुब्ध होकर अपने पदों के साथ प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। इधर, कांग्रेस जिलाध्यक्ष रजनीश कुमार गुप्ता ने पार्टी छोडने वालों को भ्रमणशील अवसरवादी लोगों का समूह बताते हुए कहा कि उनके जाने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि धुरंधर नेता जितेंद्र प्रसाद और केंद्र की यूपीए सरकार में कई मंत्रालय संभाल चुके उनके पुत्र जितिन प्रसाद के जनपद में कांग्रेस मजबूत थी, है और भविष्य में भी सशक्त बनी रहेगी।