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सब्जियों के बाद महंगी दालों के लिए भी रहें तैयार, 100 रुपये किलो के पार हुई कीमत

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महंगी दाल

नई दिल्ली| अरहर दाल की कीमतों में तेजी जारी है और त्योहारों पर इसके दाम घटने की उम्मीद कम है। थोक बाजार में कीमतें 100 रुपये किलो के पार पहुंच गई है। पिछले कुछ माह में इसकी कीमतों में 20 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। उद्योग जगत ने मांग की है कि सरकारी एजेंसी नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (नेफेड) को आपूर्ति बढ़ाने के लिए अपना स्टॉक रिलीज करना चाहिए।

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कम आपूर्ति के मुकाबले मांग मजबूत बनी हुई है, इसलिए कारोबारियों ने 2020-21 के लिए आयात कोटा जारी करने की मांग की है। हालांकि, सरकार का मानना है कि आपूर्ति की स्थिति ठीक है और अगले तीन माह में खरीफ की फसल बाजार में आनी शुरू हो जाएगी जिससे दाम में राहत मिल सकती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में इस त्योहार महंगी अरहर खरीदने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन अवधि में अरहर की कीमतें 90 रुपये प्रति किलो के स्तर तक के ऊंचे भाव पहुंच गईं और बाद में दाम घटकर 82 रुपये प्रति किलो रह गया था। हालांकि, अब दाम फिर से बढ़ने लगे हैं।

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कारोबारियों को डर है कि कर्नाटक में अरहर की फसल को ज्यादा बारिश से नुकसान होगा। पैदावार 10 फीसदी तक घट सकती है। वहीं कृषि आयुक्त एस. के मल्होत्रा का कहना है कि उम्मीद है कि खरीफ सीजन में दालों का कुल उत्पादन 93 लाख टन होगा. अरहर का उत्पादन पिछले साल के 38.3 लाख टन के मुकाबले इस साल बढ़कर 40 लाख टन होने की उम्मीद है।

विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक नई फसल नहीं आएगी, तब तक कीमतें मजबूत बने रहने की आशंका है। दलहन आयातकों ने 2010-21 के लिए अरहर के लिए आयात कोटा जारी करने की मांग की है। सरकार ने अप्रैल में चार लाख टन अरहर के आयात कोटा की घोषणा की थी, जिसे अभी तक आवंटित नहीं किया गया है।

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