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विकास दुबे एनकाउंटर के बाद जानें कौन संभालना चाहता था उसके गैंग की कमान?

 

कानपुर। कानपुर एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे गैंग की कमान उसका साथी ही संभालना चाहता था। इस बात का खुलासा गिरफ्तार हुए विकास दुबे के मामा के बेटे शशिकांत पांडेय ने पुलिस पूछताछ में किया है।

शशिकांत ने बताया कि पनकी मुठभेड़ में मारा गया प्रभात मिश्रा अपने आका विकास दुबे की जगह लेना चाहता था। उसे किसी की जान लेने, खुलेआम फायरिंग करने से हिचक नहीं होती थी। विकास की दबंगई से वह काफी प्रभावित था।

गैंगस्टर विकास दूबे बोला था- पुलिस को मारना है, जो गोली नहीं चलाई, उसे हम मार देंगे

शशिकांत के घर में डेयरी का काम होता है। वह आसपास के गांवों में दूध की सप्लाई करता था। विकास के संपर्क में आने के बाद से उसका अपने काम में दिमाग कम और दबंगई करने में ज्यादा लगने लगा था।

डेयरी की आड़ में प्रभात ने तमंचा बनाना सीख लिया था। डेयरी में ही वह तमंचा बनाता था। विकास के लिए उसने पहले भी कई बार फायरिंग की थी। इससे वह बहुत जल्दी दुबे के करीब आ गया था।

सेल्फ लोड ऑटोमेटिक राइफल से की थी फायरिंग

प्रभात इतनी तेजी से जरायम की दुनिया में उठ रहा था कि विकास ने सेल्फ लोड ऑटोमेटिक रायफल प्रभात के हाथ में थमा दी थी। घटना वाले दिन प्रभात ने इसी राइफल से फायर किए थे। कुछ पुलिस कर्मियों को उसने सीधी गोली मारी थी। घटना के बाद वह गांव से फरार हो गया था।

हर असलहा जानता था चलाना

पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि प्रभात सारे असलहा चला लेता था। तमंचे से लेकर ऑटोमेटिक राइफल, पिस्टल, रिवाल्वर। वह विकास के कहने पर कुछ भी कर सकता था। उसने कई बार इस बात का सार्वजनिक तौर पर इजहार किया था।

बिकरू गांव में अब एक भी असलहा लाइसेंस नहीं बचेगा

बिकरू के बने सभी 14 असलहों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। इसके लिए कार्रवाई तेज हो गई है। पुलिस की रिपोर्ट पर विकास दुबे के भाई, पूर्व जिला पंचायत सदस्य समेत 10 असलहा लाइसेंस धारकों को नोटिस भेजने की तैयारी है। इसके बाद लाइसेंस रद किया जाएगा। अभी चार की रिपोर्ट आनी बाकी है।

प्रशासनिक छानबीन में बिकरू गांव में 14 असलहा लाइसेंस स्वीकृत मिले है। इनमें पुलिस की ओर से सभी लाइसेंस को निरस्त कराने की कवायद शुरू हो गई है। विकास दुबे के छोटे भाई दीपक दुबे, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रीता दुबे, छोटे लाल, नीरज कुमार, रामचंद्र, श्रीकांत शुक्ला, सतेंद्र कुमार, रवींद्र, रमेश चंद्र और राकेश कुमार की रिपोर्ट चौबेपुर पुलिस ने डीएम कोर्ट को दे दी है। डीएम ने बताया कि एसएसपी की ओर से निरस्तीकरण की रिपोर्ट भेजी गई है। जल्द ही कार्रवाई होगी।

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