धर्म डेस्क। पूर्णिमांत के अनुसार, भाद्रपद महीना 4 अगस्त से शुरु हो रहा है और 2 सितंबर को समाप्त होगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन के बाद भादों जिसे भाद्रपद महीना भी कहा जाता है शुरू हो रहा है। भाद्रपद चातुर्मास में आने वाला दूसरा महीना होता है। भादों महीना भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेने से संबंधित है। भगवान श्रीकृष्ण ने भादों के महीने में रोहिणी नक्षत्र के वृष लग्न में जन्म लिया था। भादों का माह भी, सावन की तरह ही पवित्र माना जाता है। इस माह में कुछ विशेष पर्व पड़ते हैं जिनका अपना अलग महत्त्व होता है।
जिस प्रकार से सावन का महीना भगवान भोले शंकर की उपासना के लिए महत्व रखता है, उसी तरह भादो का महीना भगवान श्री कृष्ण की आराधना के लिए महत्व है। भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में हुआ था। कजरी तीज
भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज के नाम से भी जाना जाता है। 6 अगस्त को कजरी तीज का पर्व पड़ रहा है। इसे भादो तीज भी कहा जाता है। इस व्रत में भी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु का कामना में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधिवत रूप से करती है। इस त्यौहार को उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
कृष्ण जन्मोत्सव पर्व जन्माष्टमी 12 अगस्त को मनायी जाएगी। जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को ही कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों के मतानुसार श्री कृष्ण का जन्म का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के समय हुआ था। पूरे भारत में जन्माष्टमी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। आधी रात को भगवान कृष्ण का जन्म होता है।
अजा एकादशी
अजा एकादशी व्रत 15 अगस्त को रखा जाएगा। हर साल यह व्रत भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कष्टों से मु्क्ति के लिए रात्रि में जागरण करते हुए भगवान का ध्यान किया जाता है।
भाद्रपद अमावस्या
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद अमावस्या 19 अगस्त को मनाई जाएगी। इस अमावस्या को पिठौरी व कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर अमावस्या पर पितर तर्पण किया जाता है और इसका अपना एक विशेष महत्व होता है।
हरतालिका तीज
भाद्रपद मास की तृतीया को हरतालिका तीज पर्व आता है। इस बार यह तिथि 21 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन महिलाएं और लड़कियां सारा दिन निर्जल रह कर सौभाग्यवती रहने का वरदान प्राप्त करती हैं। हरतालिका तीज का व्रत बहुत ही कठिन होता है और इसे महिलाएं बहुत ही आस्था के साथ करती हैं।
गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी पर्व 22 अगस्त शनिवार के दिन मनाया जाएगा। गणेश जी का जन्म भादप्रद माह के शुक्ल पक्ष कि चतुर्थी को हुआ था। इसलिए हर साल यह पर्व इसी दिन मनाया जाता है।
परिवर्तनी एकादशी
परिवर्तनी एकादशी 29 अगस्त को है। भाद्रपद, शुक्ल पक्ष, एकादशी तिथि, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में देवझूलनी एकादशी मनाई जाती है। देवझूलनी एकादशी में विष्णु जी की पूजा, व्रत, उपासना करने का विधान है। देवझूलनी एकादशी को पदमा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है
भाद्रपद पूर्णिमा
भाद्रपद पूर्णिमा 2 सितंबर को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्र माह में आने वाली पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा कहते हैं। पूर्णिमा की तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप की पूजा की जाती है, साथ ही इस दिन उमा-महेश्वर व्रत भी रखा जाता है।