नवरात्र की नवमी तिथि में कन्या पूजन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में मंगल ध्वनि के बीच श्रीनाथजी की पारंपरिक नवमी आराधना की।
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरक्षनाथ मंदिर स्थित आवास के शक्तिपीठ में महानिशा पूजा भी किया। पूजा के लिए नाथ पंथ के विशेष पारंपरिक परिधान में उनके बाहर आते ही पूरा परिसर ढोल, घंटा-घड़ियाल, नगाड़ा, नागफनी (नाथ पंथ का विशेष वाद्ययंत्र) और शंख की मंगल ध्वनि से गूंज उठा।
करीब ढाई घंटे चली शक्ति आराधना में महानिशा पूजा के बाद विधि-विधान से हवन पूजन सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री ने नारियल गन्ना , केला, जायफर, खीरा की सात्विक बलि देकर नवरात्र की अष्टमी तिथि की आराधना पूर्ण की। इसके बाद शस्त्र पूजन, द्वादश ज्योर्तिलिंग-अर्धनारीश्वर एवं शिव शक्ति पूजन, बटुक भैरव़िसूल पर्वत पुजन का अनुष्ठान कराया।
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गौरतलब है कि नाथ पंथ की परम्परा के अनुसार अष्टमी का हवन अष्टमी तिथि की रात में ही हो जाता है।
मुख्यमंत्री ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ समेत परिसर में मौजूद सभी नाथ योगियों की समाधि पर गए और पूजन कर उनका भी आशीर्वाद लिया।
इस पूजन-प्रक्रिया में मंदिर के सभी संत, पुरोहित और पुजारी शामिल हुए।
श्रीनाथ जी की पूजा के बाद मुख्यमंत्री परिसर में मौजूद सभी देव-विग्रहों के दरबार में गए और उनकी भी पूजा-अर्चना की।