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असम और मेघालय सरकार के बीच लंबित सीमा विवाद को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली। असम (Assam) और मेघालय (Meghalaya) सरकार के बीच मंगलवार को पिछले 50 वर्षों से चले आ रहे लंबित सीमा विवाद को लेकर समझौते (Agreement)  पर हस्ताक्षर किए गए।

असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के बीच गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में इस समझौते पर यहां हस्ताक्षर किए गए।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर के विकास के लिए जरूरी है कि वहां के राज्यों के बीच सीमा विवाद का समाधान हो और सशस्त्र विद्रोही अपने हथियार डाल मुख्य धारा से जुड़ें। उन्होंने अपने कार्यकाल में दोनों विषयों पर प्रयास किए हैं जिसके सकारात्मक परिणाम निकले हैं। असम मेघालय की तरह की पूर्वोत्तर के अन्य राज्य भी राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ अपने विवादों का समाधान कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आज असम और मेघालय के बीच हुए समझौते से दोनों राज्यों के बीच सीमा से जुड़े विवाद का सत्तर प्रतिशत भाग का समाधान हो गया है। आशा है कि दोनों राज्य निकट भविष्य में अपने बाकी बचे विवाद विषयों को समाधान कर लेंगे।

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से यह सीमा विवाद चला आ रहा था एक बड़ा वर्ग और नेतृत्व इसका समाधान चाह रहा था। केन्द्रीय नेतृत्व की पहल और राजनीतिक इच्छाशक्ति से यह संभव हो पाया है। वह इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री ने एक कदम आगे बढ़कर इसके समाधान में सहयोग किया। एक टीम के तौर पर हमने काम किया और समाधान खोजा है।

असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने कहा कि मेघालय और असम के बीच 12 क्षेत्रों को लेकर विवाद था। इनमें से छह क्षेत्रों को लेकर विवाद का समाधान कर लिया गया है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सभी पूर्वोत्तर राज्यों के सीमा संबंधित विषयों को समाधान चाहते हैं। उन्होंने कहा कि समाधान खोजने की प्रक्रिया में हमने एक- एक विवाद के बिन्दू पर चर्चा की। लोगों से बातचीत की। इसके प्रयास से छह का समाधान निकालने में हम सक्षम हुए हैं। इसके बाद बाकी दूसरे चरण का काम शुरु होगा। अगले छह-सात महीने में समाधान खोजने का काम पूरा होगा।

गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों को आज दिल्ली में छह क्षेत्रों को लेकर बनी सहमति पर मोहर लगाने के लिए दिल्ली आने को कहा था। पहले यह बैठक 27 मार्च को होनी थी। लेकिन इसे दो दिन के लिए टाल दिया गया।

असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 31 जनवरी को गृह मंत्रालय द्वारा जांच और विचार के लिए एक मसौदा प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। असम और मेघालय की सरकारें अपनी 884 किलोमीटर से जुड़े 12 विवाद बिन्दूओं में से छह के हल करने का एक मसौदा प्रस्ताव लेकर आई थीं। इसमें 36.79 वर्ग किमी भूमि के लिए प्रस्तावित सिफारिशों के अनुसार, असम 18.51 वर्ग किमी और शेष 18.28 वर्ग किमी मेघालय को मिलेगा।

मेघालय और असम के मुख्यमंत्रियों ने पहले चरण में छह स्थानों – ताराबारी, गिज़ांग, हाहिम, बोकलापारा, खानापारा-पिलंगकाटा और रातचेरा में सीमा विवाद को हल करने के लिए 29 जनवरी को गुवाहाटी में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।

मेघालय को 1972 में असम से अलग राज्य के रूप में बनाया गया था। इसके बाद से ही दोनों राज्यों के बीच साझा 884.9 किमी लंबी सीमा के विभिन्न हिस्सों में 12 क्षेत्रों से संबंधित विवाद पैदा हुए थे। दोनों राज्यों के बीच की सीमा में कई बार तनाव भी उपजा है।

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